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जी-7 सम्मेलन में ही बन गई थी नए गठबंधन की भूमिका ब्रिटेन के कार्नवल, जानें इससे क्‍या होगा असर

Neha Dani
19 Sep 2021 10:45 AM GMT
जी-7 सम्मेलन में ही बन गई थी नए गठबंधन की भूमिका ब्रिटेन के कार्नवल, जानें इससे क्‍या होगा असर
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आस्ट्रेलिया ने फ्रांस से पनडुब्बी सौदा रद करने के बाद अब ये पनडुब्बी अमेरिका से लेने का फैसला किया है।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन से मुकाबले के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के बीच बने नए गठबंधन (एयूकेयूएस) की भूमिका जून में ब्रिटेन के कार्नवल में हुए जी-7 सम्मेलन में ही तैयार कर ली गई थी। इस सम्मेलन में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मौजूद थे और उनको इसकी भनक तक नहीं लगने दी गई। 'द टेलीग्राफ' की एक रिपोर्ट के अनुसार जी-7 सम्मेलन में नए गठबंधन पर वार्ता के दौरान ही फ्रांस के पनडुब्बी सौदे को रद करने का फैसला ले लिया गया था।

संबंधों पर पड़ सकता है बुरा असर
उस समय ब्रिटेन के तत्कालीन विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने चेतावनी भी दी थी कि इससे चीन और फ्रांस दोनों से ही संबंधों पर बुरा असर पड़ सकता है लेकिन इस त्रिपक्षीय गठबंधन के संबंध में किसी से भी बातचीत नहीं की गई और गठबंधन को लेकर हुई वार्ता को 'टाप सीक्रेट' के रूप में वर्गीकृत कर दिया गया।
महीनों से चल रही थी बातचीत
गार्जियन ने भी कुछ ऐसे ही रिपोर्ट देते हुए कहा है कि अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के बीच महीनों से इस गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही थी लेकिन फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को कोई संदेश नहीं दिया गया कि उनका पनडुब्बी सौदा रद किया जा रहा है।
आस्ट्रेलिया ने फ्रांस से रद किया पनडुब्बी सौदा
उल्लेखनीय है कि हाल ही में अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा की मौजूदा जरूरतों को रेखांकित करते हुए एक नए गठबंधन एयूकेयूएस का गठन किया है। इस गठबंधन के तहत आस्ट्रेलिया ने फ्रांस से पनडुब्बी सौदा रद करने के बाद अब ये पनडुब्बी अमेरिका से लेने का फैसला किया है।


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