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दुनियाभर में बढ़ रहा धूम्रपान का खतरा, इन 10 देशों में रहते हैं सबसे ज्यादा स्मोकर्स

Khushboo Dhruw
28 May 2021 1:55 PM GMT
दुनियाभर में बढ़ रहा धूम्रपान का खतरा, इन 10 देशों में रहते हैं सबसे ज्यादा स्मोकर्स
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वायु प्रदूषण की तरह ही धूम्रपान भी फेफड़ों के लिए हानिकारक होता है

वायु प्रदूषण (Air Pollution) की तरह ही धूम्रपान भी फेफड़ों के लिए हानिकारक होता है और इस आदत को अपनाने वाले लोगों की संख्या दुनियाभर में बढ़ रही है. साल 2019 में करीब 80 लाख लोगों की धूम्रपान के कारण मौत हो गई थी. अब नई रिसर्च में खुलासा हुआ है कि युवाओं ने इस आदत को सबसे ज्यादा अपनाया है (Smokers Number). गुरुवार को लैंसेट पत्रिका में प्रकाशित हुए अध्ययन में कहा गया है कि धूम्रपान खत्म करने के प्रयास काफी पीछे रह गए हैं क्योंकि 1990 के बाद के बाद अगले 9 साल में सिगरेट पीने वालों की संख्या में 150 मिलियन का इजाफा हुआ है.

जिसके कारण सिगरेट पीने वालों की कुल संख्या बढ़कर 1.1 अरब हो गई है. अध्ययन के लेखकों ने सरकारों से कहा है कि उन्हें युवाओं में इस आदत को खत्म करने पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि नए स्मोकर्स में 89 फीसदी 25 साल की उम्र तक के हैं. इससे अधिक उम्र के लोगों में ये आदत शुरू करने की दर बहुत कम ही देखने को मिली है (Smokers Number All Time High). अध्ययन की प्रमुख लेखिका मैरिसा रेट्समा हैं, जो इन्सटीट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवैलुएशन में शोधकर्ता के तौर पर काम करती हैं. उनका कहना है कि युवा इस आदत के प्रति अधिक संवेदनशील हैं और दुनियाभर में ये दर बढ़ रही है.
इन देशों में हैं सबसे ज्यादा स्मोकर्स
रेट्समा ने कहा कि तंबाकू महामारी आने वाले समय तक जारी रहेगी. ऐसा तब तक होता रहेगा जब तक देश नए स्मोकर्स की संख्या में कमी नहीं कर देते. हालांकि बीते तीन दशक में धूम्रपान के प्रचलन में कमी आई है. लेकिन 20 देशों में धूम्रपान करने वाले पुरुषों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है और 12 देशों में महिलाओं की संख्या बढ़ी है. दुनिया में सिगरेट पाने वाली आबादी का दो तिहाई महज 10 देशों में है (Research on Smoking and its Side Effects). इनमें चीन, भारत, इंडोनेशिया, अमेरिका, रूस, बांग्लादेश, जापान, तुर्की, वियतनाम और फिलीपींस का नाम शामिल है. हर तीन में से एक धूम्रपान करने वाला शख्स चीन में रहता है.
बड़ी संख्या में हुईं मौत
साल 2019 में धूम्रपान से जुड़ी बीमारी इस्केमिक हृदय रोग से 1.7 मिलियन मौत, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी बीमारी से 1.6 मिलियन मौत, श्वासनली, ब्रोन्कस और फेफड़ों के कैंसर से 1.3 मिलियन मौत और स्ट्रोक से लगभग 1 मिलियन मौत हुई हैं. इससे पहले हुए अध्ययनों में पता चला था कि लंबे समय तक धूम्रपान करने वालों में से कम से कम आधे लोगों की मौत इससे होने वाली बीमारी के कारण होती है (Smoking Related Diseases). इसके साथ ही ऐसे लोगों के जीने की औसत आयु उन लोगों के मुकाबले 10 साल कम हो जाती है, जो धूम्रपान नहीं करते हैं. इस शोध के लिए 204 देशों के रुझानों की जांच की गई थी.


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