विश्व

कोरोना संक्रमितों में चेहरे पर लकवा होने का खतरा बढ़ा 7 गुना ज्यादा: वैज्ञानिक

Gulabi
9 Sep 2021 10:43 AM GMT
कोरोना संक्रमितों में चेहरे पर लकवा होने का खतरा बढ़ा 7 गुना ज्यादा: वैज्ञानिक
x
कोरोना संक्रमितों में चेहरे पर लकवा

साइंस न्यूज. वैक्सीन लेने वालों के मुकाबले कोरोना के मरीजों (Corona Patients) में चेहरे पर लकवा होने का खतरा 7 गुना अधिक है. वैज्ञानिक भाषा में इस बीमारी को बेल्स पॉल्सी (Bells Palsy) कहते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है, वैक्सीन लेने वालों में भी बेल्स पॉल्सी का खतरा है, लेकिन इसके मामले बेहद कम हैं. यह दावा यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल क्लीवलैंड मेडिकल सेंटर और केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने किया है. रिसर्च के मुताबिक, 1 लाख कोरोना के मरीजों पर बेल्स पॉल्सी के 82 मामले सामने आए. वहीं, वैक्सीन लेने वाले 1 लाख लोगों में मात्र 19 मामले ऐसे सामने आए। वैज्ञानिकों का कहना है, इसलिए भी वैक्सीन लगवाना जरूरी है क्योंकि लकवे से खुद को बचाना है.

नई रिसर्च कहती है, शोधकर्ताओं को 3,48,000 कोरोना पीड़ितों में 284 बेल्स पॉल्सी के मरीज मिले हैं. इनमें 54 फीसदी मरीजों में बेल्स पॉल्सी की हिस्ट्री नहीं रही है. 46 फीसदी मरीज इस बीमारी से पहले जूझ चुके थे. बेल्स पॉल्सी मांसपेशियों में कमजोरी और पैरालिसिस (लकवा) से जुड़ी बीमारी है. इसका असर मरीज के चेहरे पर दिखता है. मरीज के आधे चेहरे की स्माइल पर असर होता है और एक आंख बंद नहीं हो पाती. चेहरे की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं. आधा चेहरा लटका हुआ नजर आता है. ऐसे लक्षण कुछ समय के लिए रहते हैं, इलाज के साथ ये लक्षण धीरे-धीरे दिखने बंद हो जाते हैं. 6 महीने में रिकवरी हो जाती है. कुछ ही मरीजों में इसके लक्षण लम्बे समय तक दिखते हैं.
चेहरे पर लकवा होने की वजह क्या है, इसका अब तक पता नहीं चल पाया है. कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि शरीर में रोगों से बचाने वाले इम्यून सिस्टम में ओवर-रिएक्शन होने से सूजन होती है और नर्व डैमेज हो जाती है. नतीजा, चेहरे के मूवमेंट पर बुरा असर पड़ता है. जॉन्स हॉप्किन्स हॉस्पिटल के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बेल्स पॉल्सी का कनेक्शन डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, इंजरी या संक्रमण से हो सकता है. अमेरिका में हर साल 1 हजार लोगों में से 15 से 30 मामले इसके सामने आते हैं.
वैक्सीन ट्रायल में सामने आए मामले
फाइजर और मॉडर्ना की कोविड वैक्सीन के ट्रायल में भी बेल्स पॉल्सी के मामले सामने आए हैं. कोरोना के करीब 74,000 मरीजों में से 37 हजार ने वैक्सीन ली थी. इनमें से 8 को बेल्स पॉल्सी हुआ था.
Next Story