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माया सभ्यता के पतन का कारण, जानिए सूखे की थ्योरी को वैज्ञानिकों ने क्यों किया खारिज

Neha Dani
13 Jan 2022 4:01 AM GMT
माया सभ्यता के पतन का कारण, जानिए सूखे की थ्योरी को वैज्ञानिकों ने क्यों किया खारिज
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माया सभ्यता के चरम के दौरान इन लोगों की कुल आबादी एक करोड़ थी।

प्राचीन माया सभ्यता के पतन को लेकर सूखे वाली थ्योरी को वैज्ञानिकों ने खारिज किया है। पहले दावा किया गया था कि मध्य अमेरिका में पड़े सूखे के कारण खाद्य स्रोतों के नष्ट होने से माया सभ्यता के पतन की शुरुआत हुई थी। अब वैज्ञानिकों का माया सभ्यता के आहार का विश्लेषण कर पता लगाया है कि उनके पास उस समय 50 से अधिक ऐसे पौधे थे जिन्हें खाया जा सकता था। ये पौधे नौवीं शताब्दी में कई साल तक लगातार पड़े सूखे के बावजूद खुद को बचाने में सक्षम थे।

माया सभ्यता की उत्पत्ति लगभग 2600 ईसा पूर्व हुई थी। यह सभ्यता लगभग 3000 वर्षों तक मध्य अमेरिका में फली-फूली और 250 से 900 ईस्वी के बीच अपने चरम पर भी पहुंची। माया सभ्यता के लोगों के पास पूर्व-कोलंबियाई अमेरिका की एकमात्र पूरी तरह से विकसित लिखित भाषा थी। ये लोग अत्यधिक उन्नत कला और वास्तुकला के साथ-साथ गणितीय और खगोलीय प्रणालियां से भी समृद्ध थे।
माया सभ्यता के पतन वाली पुरानी थ्योरी पर सवाल
अब नई स्टडी से माया सभ्यता के सूखे के कारण खत्म होने वाले सिद्धांत पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, नए शोधकर्ताओं को भी यह नहीं पता चला है कि आखिर इस सभ्यता के विलुप्त होने का क्या कारण था। नई स्टडी को कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के पुरातत्वविद् स्कॉट एल फेडिक और प्लांट फिजियोलॉजिस्ट लुइस एस सैंटियागो ने किया है। उनका दावा है कि कि अगर माया सभ्यता के कुछ हिस्से अत्यधिक सूखे से प्रभावित होते, तो भी कई पौधों की प्रजातियां बच जातीं।
1 करोड़ की आबादी का भुखमरी से खत्म होना मुमकिन नहीं
प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित अध्ययन में सूखे के लिए अतिसंवेदनशील पौधों की प्रजातियों को विशाल माया साम्राज्य में कम प्रभावित क्षेत्रों से ले जाया जा सकता था। यह इलाका मध्य मेक्सिको से होंडुरास, ग्वाटेमाला और उत्तरी अल सल्वाडोर तक फैला था। यह अनुमान लगाया जाता है कि माया सभ्यता के चरम के दौरान इन लोगों की कुल आबादी एक करोड़ थी।


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