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लंदन: ब्रिटेन पर सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का ताबूत बुधवार को लंदन के बकिंघम पैलेस से अपनी अंतिम यात्रा के बाद वेस्टमिंस्टर हॉल लाया गया।
महाराजा चार्ल्स तृतीय और उनके बेटे प्रिंस विलियम तथा प्रिंस हैरी भी इस दौरान मौजूद रहे और ताबूत के साथ चलते रहे। ताबूत को महारानी के लंदन स्थित आधिकारिक निवास बकिंघम पैलेस से संसद भवन के वेस्टमिंस्टर हॉल में 'लाइंग-इन-स्टेट' में रखा गया और उसके बाद सोमवार को वेस्टमिंस्टर एबे में महारानी का राजकीय तरीके से अंतिम संस्कार किया जाएगा। स्थानीय समयानुसार जनता को शाम पांच बजे से उनके दर्शन की इजाजत थी और और सोमवार सुबह साढ़े छह बजे तक लोग महारानी के अंतिम दर्शन कर सकेंगे। इस दौरान हजारों लोगों के कतार में लगकर महारानी के अंतिम दर्शन करने और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने की उम्मीद है।
ताबूत को महाराजा की ट्रूप रॉयल हॉर्स आर्टिलरी की घोड़ों वाली तोपगाड़ी में रखा गया और स्थानीय समयानुसार अपराह्न 2:22 बजे पैलेस ऑफ वेस्टमिंस्टर तक का करीब दो किलोमीटर का रस्मी जुलूस शुरू हुआ। इसमें महाराजा चार्ल्स तृतीय और उनके बेटे प्रिंस विलियम तथा प्रिंस हैरी भी शामिल हुए और ताबूत के साथ में चलते रहे। इस दौरान हाइड पार्क और बिग बेन से तोपों की सलामी दी गयी। महारानी की अन्य संतान प्रिंसेस एनी और प्रिंस एंड्रयू तथा प्रिंस एडवर्ड भी तोपगाड़ी के पीछे चल रहे थे।
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