प्रदर्शनकारी को लटकाया फांसी पर, मृत्युदंड से सहमें यहां के लोग
ईरान में 22 साल की महसा अमीनी की मौत के बाद से हो रहे देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बीच गुरुवार को एक प्रदर्शनकारी को फांसी दी गई. जिस प्रदर्शनकारी को फांसी की सजा दी गई है, उसकी पहचान मोहसिन शेकारी के रूप में की गई है. ईरान विरोध प्रदर्शनों से जुड़ा मृत्युदंड का यह पहला मामला है. मोहसिन पर 25 सिंतबर को तेहरान में सत्तार खान बुलेवार्ड सड़क को अवरुद्ध करने और एक सुरक्षाकर्मी को घायल करने का दोषी पाया गया था. ईरान के शरिया कानून के तहत उन्हें अल्लाह के खिलाफ युद्ध छेड़ने का दोषी ठहराया गया था. उन्होंने इसके फैसले के खिलाफ अपील की. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 20 नवंबर को इस फैसले को बरकरार रखा.
मोहसिन शेकारी को मिली मौत की सजा पर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बयान जारी कर कहा है कि सरकार विरोधी प्रदर्शनों को कुचलने के लिए प्रदर्शनकारी को मौत की सजा दी गई है.
ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच एक प्रदर्शनकारी को मृत्युदंड की सजा सुनाए जाने पर अमेरिका ने आपत्ति जताई है. अमेरिका ने कहा है कि इससे देश में हालात और खराब होंगे. अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, मोहसिन शेकारी को मृत्युदंड देना असहमति की आवाज को दबाने का ईरान सरकार का प्रयास है. सरकार इसके जरिए विरोध प्रदर्शनों को कुचलना चाहती है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने ट्वीट कर कहा कि मोहसिन शेकारी को गलत तरीके से क्रूर सजा देना ईरान के बहादुर लोगों को डराने का घटिया प्रयास है. हमारी संवेदनाएं मोहसिन के परिवार के साथ है. हम इस जघन्य अपराध के लिए ईरान की सरकार को कटघरे में खड़ा करेंगे.