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इसी वजह से सरकार से अतिरिक्त रकम उपलब्ध कराने की मांग की गई है।
पाकिस्तान में आर्थिक हालात बेहद खराब हो गए हैं। देश के बिगड़ते आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के विरोध मार्च ने देश की आर्थिक सेहत के लिए 'कोढ़ में खाज' जैसी स्थिति पैदा कर दी है। इस विरोध मार्च के कारण सरकार की सांसें फूल रही हैं और पहले से ही बदहाल अर्थव्यवस्था पर दोहरी मार पड़ रही है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक इस विरोध मार्च के दौरान कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पाकिस्तान सरकार ने 14.9 करोड़ रुपये खर्च किए है।
पाकिस्तानी अखबार डान की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विभाग के लिखित अनुरोध पर उक्त रकम जारी की है। इस रकम (अनुपूरक अनुदान) के लिए अनुरोध मुख्य आयुक्त कार्यालय की ओर से किया गया था। यह गुजारिश आंतरिक मंत्रालय तक पहुंची जिसने इसे वित्त मंत्रालय को अग्रसारित कर दी। पुलिस ने सरकार से अपने अनुरोध में कहा है कि वे कानून व्यवस्था बनाए रखेंगे और इस्लामाबाद के बाहर सुरक्षाकर्मियों को तैनात करेंगे।
पुलिस विभाग की ओर से सरकार को अवगत कराया गया है कि सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अन्य जरूरी वस्तुओं की व्यवस्था की जाएगी। विभाग ने कहा कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में बहुत सीमित धनराशि आवंटित की है जो पहले ही खत्म हो चुकी है। ऐसे में सरकार से अनुरोध है कि पीटीआई के विरोध के कारण कानून और व्यवस्था की स्थिति के दौरान प्रभावी सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित किए जाएं।
पुलिस विभाग की ओर से पांच दिनों के खर्च के लिए 14.9 करोड़ रुपये की राशि की मांग की गई। इसमें 380 कंटेनरों को किराए पर लेने की बात कही गई है। इन कंटेनरों का इस्तेमाल सड़कों को ब्लाक करने के लिए किया जाएगा। यही नहीं चार क्रेन भी तैनात की जानी है। विभाग की ओर से कहा गया है कि उसके पास कानून व्यवस्था कायम करने के लिए इस उपायों पर खर्च करने के पैसे नहीं थे। इसी वजह से सरकार से अतिरिक्त रकम उपलब्ध कराने की मांग की गई है।
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