कई चुनौतियों का सामना कर रहे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने रविवार को कहा कि देश में राजनीतिक गतिरोध और आर्थिक अस्थिरता को समाप्त करने के लिए अधिवक्ताओं के प्रभावशाली निकाय बार एसोसिएशन की ओर से भेजे गए प्रस्तावों पर विचार करेंगे। अपने इतिहास के सबसे खराब आर्थिक दौर से गुजर रहे श्रीलंका में इस समय आपातकाल के हालात हैं।
बार एसोसिएशन ऑफ श्रीलंका (बीएएसएल) ने एक 11 बिंदु वाली योजना का प्रस्ताव दिया है। जिसमें एक अंतरिम सरकार के गठन की बात भी कही गई है जो धीरे-धीरे शासन की राष्ट्रपति व्यवस्था को समाप्त कर देगी। इस संबंध में राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति इन प्रस्तावों पर संवैधानिक फ्रेमवर्क की सीमाओं के अंदर ही विचार करेंगे।
रविवार को बार एसोसिएशन ने राष्ट्रपति, उनके बड़े भाई और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे, विपक्ष के मुख्य नेता सजिथ प्रेमदास, पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना और सत्ताधारी एसएलपीपी गठबंध ने प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। इसमें उन गतिरोध को समाप्त करने के लिए योजना तैयार करने पर चर्चा की गई जिसका सामना वर्तमान समय में यह द्वीपीय देश कर रहा है।
राष्ट्रपति से किया आपातकाल हटाने का अनुरोध
बीएएसएल ने शनिवार को राष्ट्रपति से आपातकालीन स्थिति को हटाने का अनुरोध किया था, जिसे एक आम हड़ताल के बाद लागू किया गया था। राष्ट्रपति ने शुक्रवार को विशेष कैबिनेट बैठक में शुक्रवार की मध्यरात्रि से आपातकाल लागू करने का एलान किया था। एक महीने में दूसरी बार देश में आपातकाल लागू किया गया है। इससे पहले एक अप्रैल को भी ऐसा किया गया था।