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राष्ट्रपति की सोच और नीतियों को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है.
कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर जहां पूरी दुनिया फिर से दहशत में आ गई है. वैक्सीनेशन (Vaccination) करा चुके लोगों को बूस्टर डोज (Booster Dose) देने की बातें हो रही हैं. वहीं, ब्राजील (Brazil) के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो (Jair Bolsonaro) ने एक बार फिर साफ कर है कि वो सुधरने वाले नहीं हैं. राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने बच्चों के टीकाकरण पर सवाल उठाते हुए अपनी बेटी को वैक्सीन लगवाने से इनकार कर दिया है.
301 बच्चों की हुई है मौत
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी खबर के अनुसार, जायर बोल्सोनारो (Jair Bolsonaro) ने कहा कि कोरोना से बच्चों की मौत के मामले ज्यादा आमने नहीं आए हैं. लिहाजा, उनके वैक्सीनेशन की कोई जरूरत नहीं. वो अपनी 11 साल की बेटी को कोरोना वैक्सीन किसी भी सूरत में नहीं लगवाएंगे. बोल्सेनारो ने सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की भी आलोचना की. बता दें कि ब्राजील में बच्चों का टीकाकरण चर्चा का विषय रहा है. सरकारी कोरोनावायरस एडवाइजरी बॉडी के आंकड़े बताते हैं कि देश में 5 से 11 वर्ष की आयु के 301 बच्चों की COVID-19 से मौत हुई है.
जान से मारने की मिली धमकी
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नियामक Anvisa को इस महीने की शुरुआत में 5 से 11 साल के बच्चों के लिए फाइजर वैक्सीन को मंजूरी देने के बाद राष्ट्रपति बोल्सोनारो के समर्थकों के विरोध का सामना करना पड़ा था. इतना ही नहीं, उसके कर्मचारियों को जान से मारने की धमकी भी मिली थी. वहीं, बोल्सोनारो ने यह कहकर आग में घी डालने का काम किया था कि वो उन अधिकारियों के नाम सार्वजानिक करना चाहते हैं, जिन्होंने इस मंजूरी पर हस्ताक्षर किए.
'बच्चे इस तरह नहीं मर रहे'
राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने सोमवार को कहा कि स्वास्थ्य मंत्री मार्सेलो क्विरोगा (Marcelo Queiroga) 5 जनवरी को बताएंगे कि 5 से 11 साल के बच्चों के लिए कोरोनो वायरस टीकाकरण अभियान को किस तरह से अंजाम दिया जाएगा. दक्षिणी राज्य सैंटा कैटरीना में राष्ट्रपति ने कहा कि बच्चे इस तरह से नहीं मर रहे हैं कि उनके लिए वैक्सीन को सही ठहराया जाए. उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि टीकाकरण को लेकर कोई न्यायिक हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा, क्योंकि वो अपनी बेटी को किसी भी कीमत पर टीका नहीं लगवाने वाले.
स्वास्थ्य मंत्री ने खड़ा किया था विवाद
इससे पहले, 23 दिसंबर को स्वास्थ्य मंत्री क्विरोगा (Queiroga) ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि बच्चों में COVID-19 की मौतों की संख्या आपातकालीन प्राधिकरण को सही नहीं ठहराती. बाद में उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों के लिए कोरोना वायरस के टीके के लिए डॉक्टर के पर्चे की जरूरत होगी, जिसका राज्य के स्वास्थ्य सचिवों ने तुरंत खंडन किया था. गौरतलब है कि ब्राजील में कोरोना के प्रकोप के लिए मुख्य तौर पर राष्ट्रपति की सोच और नीतियों को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है.
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