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तानाशाह किम जोंग उन की शक्तिशाली बहन दक्षिण कोरियाई राष्‍ट्रपति मून पर भड़की, कहा- 'अमेरिका का पालतू तोता'

Neha Dani
30 March 2021 6:20 AM GMT
तानाशाह किम जोंग उन की शक्तिशाली बहन दक्षिण कोरियाई राष्‍ट्रपति मून पर भड़की, कहा- अमेरिका का पालतू तोता
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गुरुवार को पूर्वी चीन सागर में दो मिसाइलों को फायर किया है।

दक्षिण कोरियाई राष्‍ट्रपति मून जेई इन के उत्‍तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण करने की आलोचना करने पर तानाशाह किम जोंग उन की शक्तिशाली बहन किम यो जोंग भड़क गई हैं। किम यो जोंग ने उत्‍तर कोरिया के 'आत्‍मरक्षा' में उठाए कदम की आलोचना करने पर मून के मंशा को लेकर सवाल उठाया। किम यो जोंग ने बयान को 'गैंगस्‍टर जैसा तर्क' करार दिया और कहा कि मून 'अमेरिका के पाले हुए तोते हैं।'

इससे पहले मून ने कहा था कि उत्‍तर कोरिया के कदम बातचीत के लिए सकारात्‍मक माहौल बनाने में कठिनाई डाल रहे हैं। मून ने कहा, 'मैं जानता हूं कि नॉर्थ कोरिया के मिसाइल परीक्षण करने से लोग बहुत ज्‍यादा चिंतित हैं। उत्‍तर और दक्षिण कोरिया तथा अमेरिका के लिए अब समय आ गया है कि हमारी बातचीत को जारी रखने के लिए काम करें।' किम यो जोंग ने मून के इस बयान की कड़ी आलोचना की और कहा कि यह निर्लज्‍जता की पराकाष्‍ठा है। उत्‍तर कोरियाई नेता ने कहा कि मून कहना चाहते हैं कि राष्‍ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए हमारे द्वारा उठाए कदम दक्षिण कोरिया के लोगों के मन में चिंता पैदा करते हैं। जबकि यह हमारा वैधानिक अधिकार है।
'तर्कहीन और बेशर्मी से भरा दक्षिण कोरिया का व्‍यवहार'
तानाशाह की बहन किम यो जोंग ने कहा, 'इस तरह का तर्कहीन और बेशर्मी से भरा दक्षिण कोरिया का व्‍यवहार ठीक उसी तरह से है जैसे अमेरिका का है जो उत्‍तर कोरिया के आत्‍मरक्षा के अधिकार में कमी निकालता है। यह संयुक्‍त राष्‍ट्र के प्रस्‍तावों का उल्‍लंघन है और अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय के लिए धमकी है।' इससे पहले दक्षिण कोरिया और जापान ने दावा किया था कि उत्तर कोरिया ने गुरुवार को पूर्वी चीन सागर में दो मिसाइलों को फायर किया है।
पिछले शनिवार को भी उत्तर कोरिया ने कई दूसरी मिसाइलों का टेस्ट किया था। माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया अमेरिका के साथ संबंधों में आए गतिरोध के बाद बाइडन प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए इन परीक्षणों को कर रहा है। उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन की अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ फरवरी 2019 में दूसरी शिखर वार्ता नाकाम होने के बाद गतिरोध पैदा हुआ। उस वार्ता में अमेरिका ने उत्तर कोरिया की उस मांग को खारिज कर दिया था जिसमें उसने अपने परमाणु कार्यक्रम को आंशिक रूप से बंद करने के बदले में उस पर लगाए प्रमुख प्रतिबंधों को हटाने के लिए कहा था।


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