पडोसी देश पाकिस्तान की गरीबी दर में 35.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई
कराची: पाकिस्तान के माली हालात दिनों दिन बुरी स्थिति में आते जा रहे हैं। देश के प्रसिद्ध उर्दू अखबार इंतेखाब डेली ने बताया कि पाकिस्तान की गरीबी दर में 35.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और खाद्य पदार्थों की कीमतों में 20 से 31 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उधर, देश वैश्विक गरीबी सूचकांक की सूची में 116 देशों में से 92वें स्थान पर पहुंच चुका है।
अखबार ने सरकार को सलाह दी है कि वह मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए एक प्रणाली बनाए क्योंकि इसके कारण पिछले कुछ वर्षों से खाद्य सुरक्षा बुरी तरह प्रभावित हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की खाद्य सुरक्षा पहले से ही आतंकवादी गतिविधियों, अफगानिस्तान के साथ संघर्ष और मौसम परिवर्तन से प्रभावित हो चुकी है। बढ़ती महंगाई ने इसे और भी खराब कर दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, तेजी से व लगातार बढ़ती महंगाई ने लोगों को उनके भोजन और बुनियादी सुविधाओं से वंचित कर दिया है। पाकिस्तान के अन्य स्थानीय मीडिया कवीश ने बताया कि देश की माली हालत बहुत खराब स्थिति में है। यहां कराची हवाई अड्डे से अपना माल बाहर निकालने के लिए व्यापारिक समुदाय के लोग आयात खेप निकासी के लिए अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं। बैंकों में डॉलर की किल्लत से यह स्थिति पैदा हुई है। डॉलर का परिदृश्य देश में ऐसी सबसे अविश्वसनीय स्थिति में पहुंच गया है। कारोबारी समुदाय इस बात को लेकर चिंतित है कि कराची बंदरगाह से अपना माल कैसे निकाला जाए। वित्त मंत्रालय इन हालात पर काबू पाने में नाकाम रहा है।
खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में 100 लोग सजा-ए-मौत के दोषी: इस साल पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत की अदालतों द्वारा 100 से अधिक लोगों को दोषी ठहराते हुए उन्हें मौत की सजा सुनाई गई है। मौत की सजा पान वाले कैदियों की कुल संख्या महिलाओं समेत 450 का आंकड़ा पार कर गई है। जबकि इस प्रांत में पिछले चार वर्षों में आतंकवाद के किसी भी आरोपित को फांसी नहीं दी गई है। यह जानकारी स्थानीय मीडिया जसरत ने रिपोर्ट की है। रिपोर्ट के मुताबिक, एक वर्ष में पंजाब प्रांत में आतंकवाद की तीन घटनाएं हुईं जबकि खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में 300 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें भारी जनहानि हुई।