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शहबाज शरीफ सरकार के बजट से सामने आई पाकिस्तान की खस्ता माली हालत

Kajal Dubey
11 Jun 2022 11:32 AM GMT
शहबाज शरीफ सरकार के बजट से सामने आई पाकिस्तान की खस्ता माली हालत
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पाकिस्तान में अगले वित्त वर्ष से देश के गहराते आर्थिक संकट का साफ संकेत मिला है। शुक्रवार को बजट पेश होने के बाद आर्थिक विशेषज्ञों ने एक स्वर से कहा कि इस बजट में देश के दीर्घकालिक विकास की बलि चढ़ा दी गई है। आलोचकों ने यहां तक आरोप लगाया है कि बजट दस्तावेज अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने तैयार किया, जिस पर वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने दस्तखत भर कर दिए।
वित्त मंत्री ने भी देश की आर्थिक बदहाली को छिपाने की कोई कोशिश नहीं की। लेकिन उनका सारा प्रयास इस हाल के लिए पूर्व पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार को दोषी ठहराने पर रहा। बजट भाषण की शुरुआत ही उन्होंने यह कहते हुए की- पूर्व पीटीआई सरकार की नीतियों से देश की अर्थव्यवस्था क्षतिग्रस्त हो गई, जिसकी मार देश के आम आवाम पर पड़ी है। उन्होंने कहा- 'एक अनुभवहीन टीम ने देश को बर्बादी के कगार तक पहुंचा दिया।'
पूर्व सरकार पर दोष डालने की रणनीति
यही अंदाज प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का भी रहा। बजट पेश होने के बाद ट्विटर पर उन्होंने कहा- 'वर्षों के आर्थिक कुप्रबंधन को सुधारने के लिए हमारी सरकार अब कड़े फैसले लेने को तैयार है।' आलोचकों ने राय जताई है कि शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) सरकार ने बजट से उभरी अप्रिय तस्वीर को छिपाने के लिए ये हमलावर तेवर अपनाया है। हाल में सरकार ने जिस तरह पेट्रोल, डीजल और बिजली के दाम बढ़ाए हैं, उससे देश में असंतोष है। बजट से भी लोगों को कोई राहत नहीं मिलने वाली है। ऐसे में बदहाली का दोष पूर्व सरकार पर डालने की रणनीति पीडीएम ने अपनाई है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने इमरान खान इसे जन विरोधी और कारोबार विरोधी बजट बताते हुए बजट का अपना विश्लेषण जनता के सामने रखा है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि बजट में मुद्रास्फीति दर 11.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि जीडीपी वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अंदाजा इसमें है। उन्होंने इन दोनों आंकड़ों को चुनौती दी। कहा कि मौजूदा मूल्य सूचकांक के ट्रेंड पर गौर करें, तो अगले वित्त वर्ष में महंगाई दर 24 फीसदी रहेगी।

शहबाज शरीफ सरकार के बजट से सामने आई पाकिस्तान की खस्ता माली हालत

कई विश्लेषकों ने इमरान खान की राय से सहमति जताई है। अखबार द डॉन में आर्थिक विशेषज्ञ अम्मर एच खान लिखा है कि ईंधन के दाम में जितनी वृद्धि हुई है, उसे देखते सही अनुमान यह होगा कि मुद्रास्फीति दर 20 फीसदी के आसपास रहेगी। खान ने लिखा है कि शहबाज शरीफ सरकार का ये बजट दुआओं पर निर्भर है। इसमें सारा अनुमान इस उम्मीद पर लगाया गया है कि कॉमोडिटी के मूल्य में गिरावट आएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, तो बजट की सारी आशाएं धरी की धरी रह जाएंगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बजट से शहबाज शरीफ के खिलाफ जन असंतोष और फैल सकता है। गुरुवार को सरकार ने गुजर रहे वित्त वर्ष का आर्थिक सर्वे पेश किया था। उसमें कई ऐसी बातें सामने आईं, जिनसे इमरान खान के इस दावे की पुष्टि हुई कि वे अर्थव्यवस्था को बेहतर ढंग से संभाल रहे थे। इसलिए सरकार की मौजूदा मुसीबतों को पूर्व सरकार के माथे डालने की रणनीति एक हद से ज्यादा कारगर नहीं होगी।
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