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कानूनों पर फिर से विचार करने की अपील भी की गई है।
सियालकोट में हुए श्रीलंकाई नागरिक की लिंचिंग के बाद पाकिस्तान सरकार धार्मिक उन्माद पर रोक लगाने की तैयारी में दिख रही है। पाकिस्तान अखबार डॉन की एक रिपोर्ट बताती है कि राजनीतिक और मिलिट्री लीडरशिप ने एक बैठक में फैसला लिया है कि सरकार धार्मिक उग्रवाद को खत्म करने के लिए व्यापक रणनीति अपनाएगी। इस बैठक की अध्यक्षता पीएम इमरान खान की है। बैठक में गृहमंत्री, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और पंजाब के सीएम शामिल थे।
इस बैठक में सियालकोट की घटना के बारे में विस्तार से बातचीत हुई। बता दें कि सियालकोट में भीड़ ने ईशनिंदा के कथित आरोप को लेकर एक श्रीलंकाई नागरिक दियावदानगे प्रियंता कुमारा की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। बैठक में फैसला लिया गया कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी और सियालकोट जैसी घटनाओं को रोकने के लिए एक व्यापक रणनीति लागू की जाएगी।
बैठक में कहा गया है कि भीड़ को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती है और ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। पीएम इमरान खान ने मलिक अदनान की तारीफ है जिन्होंने प्रियंता को बचाने की कोशिश की थी। उन्होंने तमगा-ए-शुजात से सम्मानित किया जाएगा।
एक अलग बैठक में राजस्व और वित्त सीनेट कमिटी ने लिंचिंग की निंदा की है। इस बैठक में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया है, जिसमें सरकार से अपराधियों को जल्द दंडित करने की अपील की गई है। इस तरह ही बर्बर हिंसा को रोकने के लिए संसद के विशेष सत्र बुलाने और कानूनों पर फिर से विचार करने की अपील भी की गई है।
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