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पंजाब पर ब्रिटेन में खालिस्‍तानियों की ओर से कराए गए जनमत संग्रह की हवा निकली, ISI और सिख फॉर जस्टिस की खुली पोल

Neha Dani
2 Nov 2021 11:08 AM GMT
पंजाब पर ब्रिटेन में खालिस्‍तानियों की ओर से कराए गए जनमत संग्रह की हवा निकली, ISI और सिख फॉर जस्टिस की खुली पोल
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ब्रिटेन के ज़्यादातर गुरुद्वारों ने भी SFJ और खलिस्तान समर्थित संगठनों से दूरी बना ली है.Live TV

पंजाब को भारत से काटकर अलग देश बनाने के लिए खालिस्तानियों की तरफ से ब्रिटेन में कराया गया जनमत संग्रह (Khalistan Referendum) बुरी तरह फ्लॉप हो गया. सिख फ़ॉर जस्टिस (SFJ) ने जनमत संग्रह में 18 साल से ऊपर के सभी सिखों को वोट देने के लिए बुलाया था. जहां एक तरफ इस कार्यक्रम में 10-12 हजार लोगों के हिस्सा लेने का दावा किया जा रहा था, वहीं वोट पड़े सिर्फ 100-150.

जनमत संग्रह का आयोजन अमेरिका स्थित आतंकी संगठन सिख फ़ॉर जस्टिस (Sikh for justice) ने किया था, जो भारत में बैन है. इस संगठन और इस आंदोलन से जुड़े लोगों ने दावा किया कि जनमत संग्रह में 10,000 से 12,000 लोगों ने हिस्सा लिया. लेकिन ब्रिटेन पर नजर रखने वाले लोगों के मुताबिक जनमत संग्रह के शुरुआती घंटों के दौरान केवल 100-150 लोगों की जमा हुए थे. बताया जा रहा है कि आयोजकों ने पूरे ब्रिटेन से लोगों को लाने के लिए करीब 300 बसों की व्यवस्था की थी.
खबरों के मुताबिक खालिस्‍तान समर्थक वहां गैरकानूनी तरीके से रह रहे सिख प्रवासियों तक पहुंचे और उन्‍हें नागरिकता दिलाने का वादा किया, यही नहीं उन्हें जनमत संग्रह में हिस्‍सा लेने के लिए पैसा भी दिए गए. यही नहीं, जब वोटिंग के लिए लोग नहीं मिल रहे थे तब SFJ ने खालिस्तान समर्थकों से बार-बार वोट डलवाए जिससे वोटिंग की संख्या ज्यादा बताई जा सके.
गुरुद्वारों ने वहां मतदान करने वाले लोगों को बसों में भरकर ले जाने की आलोचना की थी. उनका कहना था कि आयोजकों ने लोगों को धोखे में रखा. गुरुद्वारों के पास पोस्टर लगाकर लोगों को ये बताने की कोशिश की गई कि ये बस गुरुद्वारे जाने के लिए गुरुद्वारों ने उपलब्ध कराई हैं.
Khalistan Referendum के लिए वेस्टमिंस्टर में मतदान हुआ था और यहां हिस्सा लेने आए लोगों ने खालिस्तान का झंडा लहराते हुए खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए. हालांकि, Khalistan Referendum के बुरी तरह फ़्लॉप हो जाने से सिख फॉर जस्टिस और ISI काफी निराश हैं. सिख फॉर जस्टिस संगठन को आईएसआई से फंडिंग मिलती है, इसका जिक्र कई रिपोर्ट में हो चुका है. इसके बाद, ब्रिटेन के ज़्यादातर गुरुद्वारों ने भी SFJ और खलिस्तान समर्थित संगठनों से दूरी बना ली है.Live TV

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