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बर्लिंग ने 'वर्कप्लेस वायलेंस पॉलिसी' का उल्लंघन किया था. कंपनी इस फैसले को चुनौती देगी
अपने कर्मचारी को सरप्राइज बर्थडे पार्टी (Surprise Birthday Party) देना कंपनी को ही भारी पड़ गया. अदालत ने कंपनी को बतौर हर्जाना 3.4 करोड़ देने का फैसला सुनाया गया है. यह मामला अमेरिका (America) के केंटकी का है. केविन बर्लिंग नामक शख्स ने कंपनी के खिलाफ अदालत में केस दायर किया था, जिसका फैसला उसके पक्ष में आया है.
पार्टी से बिगड़ गई थी तबीयत
दरअसल, केविन बर्लिंग के मना करने के बावजूद कंपनी ने उसके लिए एक सरप्राइज बर्थडे पार्टी आयोजित की थी. पार्टी की वजह से केविन की तबीयत बिगड़ गई और वहां से चला गया. बाद में, कंपनी ने उसे नौकरी से ही निकाल दिया. इससे नाराज केविन ने कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया, जिसका फैसला अब आया है. कोर्ट ने कर्मचारी के दावों को सही मानते हुए कंपनी को उसे हर्जाना देने का आदेश दिया है.
भेदभाव का लगाया था आरोप
केविन बर्लिंग ने अपने मुकदमे में कंपनी पर डिसेबिलिटी के आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया था. कोर्ट डॉक्यूमेंट के अनुसार, बर्लिंग एंग्जायटी डिसऑर्डर से पीड़ित हैं. उन्होंने अपने मैनेजर से बाकी लोगों की तरह ऑफिस में उनका बर्थडे सेलिब्रेट नहीं करने को कहा था. क्योंकि इससे उन्हें पैनिक अटैक आ सकता था. हालांकि, इसके बावजूद कंपनी ने 2019 के अगस्त में पार्टी दे दी.
ऑफिस में उड़ाया गया था मजाक
पार्टी के चलते केविन को पैनिक अटैक आ गया और वह तुरंत पार्टी छोड़कर चले गए. अगले दिन मीटिंग के दौरान बर्लिंग की खूब आलोचना हुई. उन पर साथी कर्मचारियों का मजा खराब करने और बच्चों की तरह पेश का आरोप लगाया गया. इस मीटिंग की वजह से बर्लिंग को दूसरा पैनिक अटैक आ गया. इसके बाद कंपनी ने पहले उन्हें दो दिनों के लिए छुट्टी दे दी और बाद में उन्हें नौकरी से निकाल दिया. कंपनी ने अपने इस फैसले के पीछे वर्कप्लेस पर सेफ्टी का हवाला दिया था.
क्या कहना है कंपनी का?
कंपनी के फैसले को केविन ने अदालत में चुनौती दी. कोर्ट ने उनके हक में फैसला सुनाते हुए कंपनी को उन्हें बतौर हर्जाना 3.4 करोड़ देने को कहा है. इस राशि में 2.3 करोड़ इमोशनल डिस्ट्रेस के लिए और 1.1 करोड़ रुपए वेतन के नुकसान के लिए हैं. वहीं, ग्रेविटी डायग्नोस्टिक के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिस का कहना है कि कंपनी बर्लिंग को नौकरी से निकाले जाने के अपने फैसले पर कायम है. बर्लिंग ने 'वर्कप्लेस वायलेंस पॉलिसी' का उल्लंघन किया था. कंपनी इस फैसले को चुनौती देगी
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