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पैर काटने पड़े पर जिंदा है शख्स, खाया था फ्रिज में रखा हुआ रेस्टोरेंट का खाना

jantaserishta.com
21 Feb 2022 1:00 PM GMT
पैर काटने पड़े पर जिंदा है शख्स, खाया था फ्रिज में रखा हुआ रेस्टोरेंट का खाना
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जानिए सेप्सिस बीमारी के बारे में...

नई दिल्ली: अगर खाना बच जाता है, तो उसे फ्रिज में रख दिया जाता है और फिर समय आने पर उपयोग किया जाता है. कई एक्सपर्ट का मानना है कि खाने को अधिक देर तक फ्रिज में नहीं रखना चाहिए, लेकिन खाना बच जाने पर या स्टोर करके रखने पर फ्रिज ही सहारा होता है. कुछ समय पहले एक मामला सामने आया है, जिसमें एक स्टूडेंट ने एक रात पहले फ्रिज का खाना खा लिया, तो ऐसी नौबत आ गई कि उसके पैर काटने पड़े. उसकी किडनी ने काम करना बंद कर दिया था और उसे एक गंभीर बीमारी हो गई थी. इसके बाद हालत में सुधार न होने के कारण डॉक्टर्स को ये कदम उठाना पड़ा. अगर आप भी लंबे समय से फ्रिज में रखे हुए खाने का सेवन करते हैं, तो पहले ये आर्टिकल पढ़ें.

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के मुताबिक, एक स्टूडेंट जिसका नाम जेसी बताया जा रहा है. उसका रूममेट एक रात पहले रेस्टोरेंट से चिकन और नूडल्स लेकर आया और उसने घर लाकर खाने को फ्रिज में रख दिया. अगले दिन सुबह जब जेसी ने वो खाना खाया तो वह बीमार हो गया और उसके बाद उसे काफी तेज बुखार आ गया. जेसी को तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसकी हार्ट रेट अचानक से बढ़कर 166 बीट प्रति मिनट हो गई, जिसके बाद उसे बेहोश किया गया.
जानकारी के मुताबिक, जेसी को किसी तरह की कोई एलर्जी नहीं थी और न ही उसने कभी शराब पी थी. लेकिन वह हर हफ्ते 2 पैकेट सिगरेट और रोजाना गांजा / मारिजुआना का नशा करता था. उसकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई और उसे इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से दूसरे हॉस्पिटल भेजा गया.
रिपोर्ट में कहा गया, हॉस्पिटल में एडमिट करने से 20 घंटे पहले तक मरीज ठीक था. लेकिन जब उसने रेस्तरां का चावल, चिकन और नूडल्स का सेवन किया तो उसके पेट में दर्द और मतली होने लगी. इसके बाद उसकी त्वचा बैंगनी रंग की होने लगी और उसकी जांच के लिए उसे हॉस्पिटल के दूसरे डिपार्टमेंट में ले जाया गया. बाद में सामने आया कि जेसी एक बैक्टीरियल इंफेक्शन से संक्रमित हो गए हैं, जिससे उनकी किडनी ने काम करना बंद कर दिया है और उनका खून भी जमने लगा है.
उनके खून में कुछ ऐसे बैक्टीरिया मिले थे, जो जानलेवा सेप्सिस की निशानी थे. जेसी के शरीर में सेप्सिस फैलने लगा तो उसके हाथ की सभी अंगुलियां काट दी गईं और घुटने से नीचे के पैर भी काट दिए गए. जेसी को 26 दिन बाद होश आया है, लेकिन उनकी लाइफ अब पूरी तरह बदल गई है.
सेप्सिस ऐसी बीमारी है, जो कि शरीर में किसी तरह के इंफेक्शन के कारण होती है. सेप्सिस तब विकसित होता है, जब कोई मौजूदा संक्रमण आपके शरीर में इम्यूनिटी को काफी अधिक बढ़ा देता है. यानी कि यह कह सकते हैं कि जब आप किसी संक्रमण के संक्रमित होते हैं, तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली इससे लड़ने के लिए प्रोटीन और अन्य रसायनों को छोड़ कर उनसे लड़ती है, लेकिन जब यह प्रतिक्रिया नियंत्रण से बाहर हो जाती है, उसे सेप्सिस कहते हैं.
सेप्सिस का कारण बनने वाले अधिकांश संक्रमण बैक्टीरिया के कारण होते हैं. COVID-19, इन्फ्लूएंजा और फंगल संक्रमण भी सेप्सिस का कारण बन सकते हैं. सेप्सिस के कारण बुखार, तेज हृदय गति और सांस लेने में कठिनाई जैसे अन्य लक्षण होते हैं. यह एक गंभीर स्थिति है, जिसमें तुरंत इलाज की जरूरत होती है. यदि इसका इलाज न कराया जाए तो जानलेवा हो सकता है. इसकी आखिरी स्टेज में सेप्सिस शॉक होता है, जिसमें ऑर्गन फेल, हार्ट फेल, स्ट्रोक और मौत भी हो सकती है.
डॉक्टर्स ने स्टूडेंट के मामले में इस बात को स्पष्ट नहीं किया है कि रेस्टोरेंट के खाने में बैक्टीरिया कहां से आए. लेकिन अगर आप भी रेस्टोरेंट के खाने को फ्रिज में लाकर रखते हैं, तो सतर्क रहने की जरूरत है. हमेशा घर का बना हुआ खाना ही खाएं, कैमिकल वाले सॉस या अन्य प्रोडक्ट का इस्तेमाल न करें. अगर खाने के बाद कोई भी एलर्जी या इंफेक्शन होता है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें.
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