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शख्स सरकारी गलती से रातोंरात बना अमीर, जांच हुई शुरू तो हैरान रह गए अफसर

Neha Dani
17 May 2022 1:52 AM GMT
शख्स सरकारी गलती से रातोंरात बना अमीर, जांच हुई शुरू तो हैरान रह गए अफसर
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उसने अपना बैंक खाता साफ कर दिया, अपनी नौकरी छोड़ दी और घर से बाहर चला गया था.

दुनिया पिछले करीब 2 वर्ष से कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से जूझ रही है. विभिन्न देशों की सरकारें इस संक्रमण से निपटने के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है. इसी बीच एक हैरान कर देने वाला वाक्या जापान में सामने आया है. यहां के एक राज्य में कोविड रिलीफ फंड की राशि लोगों को वितरित की जानी थी, लेकिन गलती से पूरी रकम एक शख्स के एकाउंट में चले गई.

राशि को किया जाना था वितरित
घटना जापान के यामागुची प्रांत (Yamaguchi State) में हुई है. यहां एक 24 वर्षीय जापानी व्यक्ति के एकाउंट में कोविड राहत भुगतान (Covid Relief Payment) के तौर पर 46.3 मिलियन येन यानी कि 2 करोड़ 79 लाख 21 हजार 281 रुपये की राशि गलती से ट्रांसफर हो गई. इस राशि को यामागुची प्रांत के 463 घरों में वितरित किया जाना था. इसके तहत हर एक शख्स को करीब 60 हजार रुपये मिलने थे. इस गलती के बाद शहर के मेयर ने लिपिकीय त्रुटि के लिए माफ़ी मांगी थी. हालांकि, इसके बाद गलती से रकम पाने वाले शख्स के बारे में पता लगाने की कोशिश की गई, लेकिन गलती से इतनी बड़ी रकम पाने वाला शख्स अचानक गायब हो गया.
शख्स ने एकाउंट से पैसा किया ट्रांसफर
JapanToday के अनुसार, पैसा पाने के बाद उस शख्स ने दो हफ्ते तक लगातार हर दिन लगभग 6 लाख येन अन्य खातों में ट्रांसफर करना शुरू कर दिया. जब स्थानीय प्रशासन को अपनी गलती का एहसास हुआ और वह पैसे की तलाश में निकल पड़े, लेकिन जब उस व्यक्ति से संपर्क करने का प्रयास किया तो असफलता हाथ लगी.
पकड़ में आया शख्स
हालांकि, घटना के करीब 2 हफ्ते बाद उस शख्स को आखिरकार पकड़ लिया गया. उसने पूछताछ में बताया कि सारा पैसा उसके एकाउंट से गायब हो चुका है और उसे अब दोबारा वापस नहीं लाया जा सकता है. इसके बाद सभी अधिकारी मुश्किल कानूनी स्थिति में पड़ गए, क्योंकि उन्होंने तकनीकी रूप से गलती से पैसे दिए थे और यह चोरी नहीं थी
प्रशासन ने शख्स के खिलाफ किया मुकदमा दायर
इसके बाद अधिकारियों ने वकीलों और कानून प्रवर्तन (Law Enforcement) से सलाह मांगी और उस व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दायर कर मुआवजे के तौर पर 51.16 मिलियन येन की मांग की. हालांकि, जब उस 24 वर्षीय शख्स के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया, उसने अपना बैंक खाता साफ कर दिया, अपनी नौकरी छोड़ दी और घर से बाहर चला गया था.


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