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आंकड़ों पर गौर करें तो पाते हैं कि अधिकांश गंभीर मामले और मौतें बिना टीकाकरण वाले विषयों में हुई हैं।
भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium, INSACOG) ने रविवार को अपने साप्ताहिक बुलेटिन में कहा कि देश में कोरोना का ओमिक्रोन वैरिएंट सामुदायिक प्रसारण यानी कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के चरण में है। यह कई महानगरों में प्रभावी हो गया है जहां संक्रमण के नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स सिक्वेंसिंग कंसोर्टियम (इंसाकोग) ने कहा कि बीए-2 वंश भारत में महत्वपूर्ण अंश में मौजूद है।
समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक आरटीपीसीआर स्क्रीनिंग सभी ओमिक्रोन लीनेज पर लागू है। अब तक अधिकांश ओमिक्रोन मामले हल्के या एसिम्टोमेटिक रहे हैं लेकिन हालात धीरे धीरे बदल रहे हैं। मौजूदा लहर में अस्पताल में भर्ती होने और आईसीयू के मामले बढ़ रहे हैं। हाल ही में रिपोर्ट किए गए बी.1.640.2 की निगरानी की जा रही है। इसके तेजी से फैलने का कोई सबूत नहीं है और जबकि इसमें प्रतिरक्षा से बचने की विशेषताएं हैं। यह वैरिएंट आफ कंसर्न नहीं है। भारत में इसका कोई मामला नहीं पाया गया है।
भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स सिक्वेंसिंग कंसोर्टियम (इंसाकोग) ने अपने बुलेटिन में यह भी कहा है कि वैश्विक स्तर पर ओमिक्रोन का विस्तार जारी है हालांकि बहुत अधिक मामलों के कारण कई देशों में अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या पिछले उच्च स्तर को पार कर गई है जिससे स्वास्थ्य प्रणालियों पर भारी दबाव है। पिछली लहरों की तुलना में नई लहर के दौरान मौतें बहुत कम हुई हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो पाते हैं कि अधिकांश गंभीर मामले और मौतें बिना टीकाकरण वाले विषयों में हुई हैं।
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