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पाकिस्तान और तालिबान की सांठ गांठ का हुआ खुलासा, जानिए मामला

Neha Dani
6 Nov 2021 4:12 AM GMT
पाकिस्तान और तालिबान की सांठ गांठ का हुआ खुलासा, जानिए मामला
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पाकिस्तानी एनएसए मोईद यूसुफ (Moeed Yusuf) ने मंगलवार को वार्ता में भागीदारी से इनकार किया और कहा, ‘मैं नहीं जाऊंगा, एक बिगाड़ने वाला शांतिदूत नहीं हो सकता.’

तालिबान (Taliban) ने शुक्रवार को पाकिस्तान (Pakistan) की राजधानी इस्लामाबाद में स्थित अफगानिस्तान के दूतावास (Afghan Embassy) में अपना कार्य शुरू कर दिया है. टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, दूतावास ने अपने फेसबुक पेज पर एक बयान में ऑपरेशन फिर से शुरू करने की पुष्टि की. इस तरह एक बार फिर पाकिस्तान और तालिबान की सांठ गांठ का खुलासा हुआ है. पाकिस्तान पर लंबे समय से आरोप लगते रहे हैं कि उसकी मदद से ही तालिबान की एक बार फिर अफगानिस्तान में वापसी हुई है. ये बात इसलिए भी सही लगती है, क्योंकि तालिबान की सरकार गठन से पहले ISI चीफ ने काबुल का दौरा किया था.

दूतावास ने अपने बयान में कहा, 'पाकिस्तान में रहने वाले सभी अफगान शरणार्थी, व्यवसायी, पाकिस्तानी नागरिक और पाकिस्तान में रहने वाले अन्य सम्मानित विदेशी नागरिक, जो पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान की यात्रा करना चाहते हैं. इन लोगों को सूचित किया जाता है कि इस्लामाबाद में अफगानिस्तान का दूतावास और पेशावर, कराची और क्वेटा में सभी सामान्य वाणिज्य दूतावास फिर से काम कर रहे हैं और पहले की तरह फिर से अपना काम कर रहे हैं.' फेसबुक पर जारी इस बयान में आगे कहा गया, 'जो लोग अफगानिस्तान की यात्रा करना चाहते हैं, वे इन मिशनों पर हफ्ते के पांच दिन जा सकते हैं.'
अफगान शरणार्थियों की चुनौतियों को हल करने के लिए लिया फैसला
इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान (Islamic Emirate of Afghanistan) के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद (Zabiullah Mujahid) ने कहा कि ये कदम अफगान शरणार्थियों की मौजूदा चुनौतियों को हल करने के लिए उठाया गया. उन्होंने कहा, 'दूतावास और वाणिज्य दूतावास के कर्मचारी जो वहां थे, उन्होंने फिर से काम शुरू किया.' मुजाहिद ने कहा, 'क्योंकि आप जानते हैं कि लोगों को दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों से संबंधित बहुत सारी समस्याएं हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि हमारे राजनयिक वहां लौटे हैं और आधिकारिक काम शुरू किया है.'
अफगानिस्तान संकट पर वार्ता का हिस्सा बनने से पाकिस्तान का इनकार
इससे पहले मीडिया में लीक हुई कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि इस्लामिक अमीरात ने इस्लामाबाद (Islamabad) में दूतावास चलाने के लिए अपने दूत भेजे थे. लेकिन मुजाहिद ने तब संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस्लामिक अमीरात द्वारा कोई आधिकारिक दूत नहीं भेजा गया था. वहीं, भारत अफगानिस्तान संकट (Afghanistan Crisis) को देखते हुए भारत 10 नवंबर को क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता का आयोजन कर रहा है. लेकिन पाकिस्तान ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया है. पाकिस्तानी एनएसए मोईद यूसुफ (Moeed Yusuf) ने मंगलवार को वार्ता में भागीदारी से इनकार किया और कहा, 'मैं नहीं जाऊंगा, एक बिगाड़ने वाला शांतिदूत नहीं हो सकता.'
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