विश्व
कोरोना वायरस की नई लहर ने दुनियाभर में टेंशन बढ़ाई, लाशों का ढेर दिखा, जानें नया खुलासा
jantaserishta.com
23 Dec 2022 2:46 AM GMT
x
न्यूज़ क्रेडिट:आजतक
नई दिल्ली: चीन में कोरोना से हाल बेहाल है. कोरोना के लगातार बढ़ते हुए केसों के चलते चिकित्सा संसाधनों की कमी सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरी है. चीन में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. हालत ये है कि चीन में न सिर्फ हॉस्पिटल में बेड, वेंटिलेटर्स और दवाइयों की कमी है, बल्कि डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की भी काफी कमी है. चीनी मीडिया रिपोर्ट्स में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.
चीन में आम लोगों की तुलना में अस्पतालों में संक्रमण फैलने की दर काफी तेजी से बढ़ रही है. यही वजह है कि चीन में ज्यादातर मेडिकल स्टाफ संक्रमित हो चुका है, ऐसे में इनके जल्द से जल्द अस्पताल में लौटने की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है. Guabcha.com समेत तमाम चीनी मीडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के अधिकांश अस्पतालों में कम डॉक्टर्स और अधिक मरीज जैसी समस्या से जूझ रहे हैं.
यह वजह है कि चीन में हेल्थ एक्सपर्ट लोगों को तमाम माध्यमों के जरिए अपील कर रहे हैं कि अस्पताल में भीड़ न बढ़ाएं, बल्कि संक्रमित होने पर खुद को घर पर आइसोलेट करें और घर पर ही फ्लू की दवाएं या पारंपरिक दवाओं से ही इलाज करें. हालांकि, आम लोगों की कठिनाई यहीं खत्म नहीं हो रही है. दरअसल, चीन में नियमित दवाओं की भी कमी होने लगी है. बढ़ती मांग की तुलना में दवाइयों की आपूर्ति काफी कम है.
चीनी फार्मेसी में दवाओं की भारी मांग की वजह कुछ सालों पहले बना एक नियम है. इसके मुताबिक, कुछ खास प्रकार की दवाओं जैसे एंटीपीयरेटिक, एंटीवायरल, एंटीबायोटिक्स, खांसी और सर्दी की दवाओं को खरीदने के लिए वास्तविक नाम से रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है.
चीन में कोरोना काल की शुरुआत से ही जीरो कोविड पॉलिसी लागू थी. लेकिन भारी विरोध के चलते कुछ हफ्तों पहले ही इसे हटा दिया गया. इसके चलते तेजी से कोरोना केस बढ़ने लगे. इसके बाद से लोगों ने घर पर दवाओं की जमाखोरी शुरू दी, इसके चलते संक्रमित लोगों को इबुप्रोफेन और एसिटामिनोफेन जैसी सामान्य दवाएं भी नहीं मिल पा रही हैं.
इतना ही विशेषज्ञों ने चीन में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच स्वास्थ्य क्षमताओं में असमानताओं को लेकर भी चिंता जताई है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर चीन के ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना के केस बढ़ने लगे, तो फिर एक नई मुसीबत पैदा हो सकती है.
कोरोना के मौजूदा संकट से कैसे निपटा जाए, इस पर चीनी विशेषज्ञों की अपनी अलग अलग राय है. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि चीन को प्राथमिकता के आधार पर इंफेक्शन के कर्व को खत्म करने की जरूरत है. वहीं अन्य विशेषज्ञों की राय है कि चीन को तेजी से पीक से निपटना होगा.
दुनियाभर में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. कोरोना के आंकड़ों पर नजर रखने वाली संस्था Worldometers के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में दुनिया में कोरोना के 4.92 लाख केस सामने आए हैं. वहीं, 1374 लोगों की मौत कोरोना से हुई है. जापान में पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा 1.84 लाख केस सामने आए हैं. वहीं, अमेरिका में 43263, फ्रांस में 49517, ब्राजील में 43392, दक्षिण कोरिया में 75744 केस मिले हैं.
पिछले 24 घंटे में अमेरिका में 289 लोगों की मौत हुई है. जबकि जापान में कोरोना से 339 लोगों की जान गई है. ब्राजील में भी 165 लोगों की मौत हुई है.
jantaserishta.com
Next Story