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कोरोना का नया A.30 वेरिएंट
Coronavirus A.30 Variant: कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के बाद अब A.30 वेरिएंट का खतरा बढ़ता जा रहा है. इसके मामले अफ्रीकी देश अंगोला और यूरोपीय देश स्वीडन में सामने आ रहे हैं. ये एक ऐसा खतरनाक वेरिएंट है, जिसपर फाइजर (Pfizer) और एस्ट्राजेनेका (Astrazeneca) वैक्सीन से मिलने वाली एंटीबॉडी भी काम नहीं करती. इस बात की जानकारी एक नई लैब स्टडी में सामने आई है. जर्मनी की एक टीम ने इस दुर्लभ A.30 वेरिएंट पर अध्ययन किया है. इसका सबसे पहला मामला तंजानिया में मिला था, फिर अंगोला और स्वीडन में भी मामले सामने आए.
वैज्ञानिकों ने इस म्यूटेशन की तुलना बीटा और एटा वेरिएंट से की है. बीटा को इसलिए चुना गया क्योंकि ये एंटीबॉडी के असर को सबसे ज्यादा कम करता है. ये अध्ययन इस हफ्ते पीयर-रिव्यू जर्नल सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित हुआ है. ऐसा पता चला है कि A.30 वेरिएंट किडनी, लीवर और फेफड़ों की कोशिकाओं सहित अधिकांश प्रमुख कोशिकाओं में प्रवेश कर सकता है (A.30 Variant Study). अध्ययन में पाया गया कि म्यूटेशन 'बढ़ी हुई दक्षता के साथ कुछ सेल लाइन्स में प्रवेश करता है और एंटीबॉडी से बच निकलता है.'
WHO ने लिस्ट में क्यों नहीं डाला?
ये वेरिएंट मोनोक्लोनल दवा बामलानिविमैब के लिए भी प्रतिरोधी साबित हुआ है, जिसका इस्तेमाल कोविड-19 के इलाज के लिए किया जाता है. लेकिन बामलानिविमैब और एटेसेविमैब के मिश्रण के आगे कमजोर दिखाई दिया है. कोरोना वायरस के A.30 वेरिएंट को अब तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वेरिएंट ऑफ कंसर्न या वेरिएंट ऑफ इंटरस्ट की लिस्ट में शामिल नहीं किया है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये ज्यादा तेजी से नहीं फैलता है.
डेल्टा वेरिएंट का कहर जारी
कोरोना वायरस महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. दुनियाभर के देश अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लॉकडाउन खोल रहे हैं, लेकिन वायरस के नए वेरिएंट मुश्किलें पैदा कर रहे हैं. ब्रिटेन, यूरोप, सिंगापुर और चीन सहित कई देशों में डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) का कहर देखने को मिल रहा है. जिन देशों ने शुरुआत में मूल वायरस को नियंत्रित करने में कामियाबी हासिल की थी, अब वही देश वायरस के नए वेरिएंट के कारण सख्त प्रतिबंध लगाने को मजबूर हैं.
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