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गर्भवती ममी की मौत के राज से उठ गया पर्दा, वैज्ञानिक हैरान

Gulabi Jagat
11 July 2022 2:13 PM GMT
गर्भवती ममी की मौत के राज से उठ गया पर्दा, वैज्ञानिक हैरान
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गर्भवती ममी की मौत
पुराने वक्त में मिस्र (Egypt mummy research) के लोग किसी के मर जाने पर उनके शरीर को केमिकल और कपड़ों की मदद से बांधकर तब दफनाते थे. इस तरह वो लाश को ममी बना देते थे. हजारों सालों बाद आज का मानव उन्हीं ममीज को खोजकर उनके ऊपर रिसर्च कर रहा है जिससे जुड़ी कई चौंकाने वाली बातें सामने आती रहती हैं मगर अब जिस राज ने वैज्ञानिकों को चौंका दिया है वो एक प्रेग्नेंट ममी (World first pregnant mummy) से जुड़ा है. दुनिया की पहली गर्भवती ममी की मौत (pregnant mummy death reason) कैसे हुई थी, इसका पता लग चुका है जो हैरान करने वाला है.
पोलैंड की वॉरसॉ स्थिति वॉरसो विश्वविद्यालय (Warsaw university research) के वैज्ञानिकों ने साल 2015 में मिलकर एक ग्रुप बनाया जिसका का था मिस्र की ममीज पर अध्ययन करना. इस ग्रुप ने जिस प्रोजेक्ट की शुरुआत की उसे वॉरसॉ ममी प्रोजेक्ट (Warsaw Mummy Project) का नाम दिया गया. इस प्रोजेक्ट के तहत कई ममीज पर शोध किया जा चुका है और हैरान करने वाली बातों का पता चला है मगर अप्रैल 2021 में इस प्रोजेक्ट के जरिए दुनिया की पहली ऐसी ममी के बारे में पता चला जो प्रेग्नेंट महिला (Pregnant woman mummy death) की थी. माना जाता है कि वो 20 से 30 साल की रही होगी जब उसकी मौत हुई. वैसे तो ये ममी काफी सालों पहले खोज ली गई थी मगर 19वीं और 20वीं सदी के दौरान इसे पुरुष की ममी माना जाता था. पर जब प्रोजेक्ट में काम करने वाले वैज्ञानिकों ने शोध किया तो उन्हें पता चला कि वो एक गर्भवती महिला की ममी (Pregnant mummy death) थी और उसकी मौत के बाद भी उसका बच्चा (Pregnant mummy baby alive) सुरक्षित यानी जिंदा था. ऐसे इसलिए हुआ था क्योंकि ममी का गर्भ एसिडिक हो गया था और हवा के साथ-साथ ऑक्सीजन सप्लाई भी कम हो गई थी.
नाक के कैंसर के चलते हुई थी मौत
अब इस साल की शुरुआत में वैज्ञानिकों को इस ममी से जुड़ी एक और चीज पता चली है जिसने उन्हें हैरान कर दिया है. रिपोर्ट्स के अनुसार शोधकर्ताओं को ये पता लग चुका है कि आखिर इस ममी की मौत कैसे हुई थी. जब ममी की खोपड़ी का सीटी स्कैन हुआ तो उससे पता चला कि उसकी हड्डियों में ऐसे निशान थे जो ये बताते हैं कि उसे कैंसर था जिससे उसकी जान गई. खोपड़ी पर जो मार्किंग दिखी वो ठीक वैसे ही है जैसे आजकल डॉक्टर nasopharyngeal cancer के मरीजों में देखते हैं जो एक तरह का नाक का कैंसर होता है. ये असल में नाक और गले के पीछे के एरिया में होने वाला कैंसर है. अब कैंसर (pregnant mummy nose cancer) को बेहतर ढंग से समझने के लिए ममी के टिशू की जांच की जानी है जिससे सच बेहतर ढंग से पता लग पाएगा.
पहले भी मिल चुकी है कैंसर वाली ममी
वैसे ये पहली बार नहीं है जब वैज्ञानिकों को ममी में कैंसर का पता चला है. आईएफएल साइंस वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार साल 2017 में भी 2 ऐसी ममी मिली थीं जिसमें ब्रेस्ट कैंसर मायलोमा जैसी बीमारियां पाई गई थीं. दोनों ही बॉडी 2000 बीसी की रही होंगी.
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