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आर्थिक बदहाली का शिकार हुए श्रीलंका का मेडिकल ढांचा भी अब चरमरा गया, अस्पतालों ने भी हाथ खड़े किए, डॉक्टरों ने कहा- बीमार और घायल होने से बचें

Renuka Sahu
14 July 2022 12:51 AM GMT
आर्थिक बदहाली का शिकार हुए श्रीलंका का मेडिकल ढांचा भी अब चरमरा गया, अस्पतालों ने भी हाथ खड़े किए, डॉक्टरों ने कहा- बीमार और घायल होने से बचें
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फाइल फोटो 

आर्थिक बदहाली का शिकार हुए श्रीलंका का मेडिकल ढांचा भी अब चरमरा गया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आर्थिक बदहाली का शिकार हुए श्रीलंका का मेडिकल ढांचा भी अब चरमरा गया है। अस्पतालों में किडनी व कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की तो छोड़िए, सामान्य दवाएं तक खत्म होने लगी हैं। हालात यहां तक बिगड़ गए हैं कि अस्पतालों और डॉक्टरों ने इलाज करने से हाथ खड़े करते हुए लोगों को सलाह दी है कि वे बीमार और घायल होने से बचें, वरना उन्हें बचाना मुश्किल हो जाएगा।

दरअसल, देश में आर्थिक संकट के चलते ईंधन और खाद्य सामग्री और दवाओं की भारी किल्लत है। कुछ डॉक्टर आपूर्ति के लिए दान या जरूरी वस्तुओं की खरीद के लिए राशि जुटाने के लिए सोशल मीडिया पर अपील कर रहे हैं। उन्होंने विदेशों में रह रहे श्रीलंकाई लोगों से भी मदद की गुहार लगाई है। जानकारों के मुताबिक, श्रीलंका में जारी आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता के खत्म होने का फिलहाल कोई संकेत नहीं दिख रहा है। यही वजह है कि कुछ चिकित्सकीय विशेषज्ञों ने मौजूदा हालात के मद्देनजर देश में स्वास्थ्य आपातकाल लगाने की पैरवी की है।
इलाज रुका, खतरे में जान
देश में गहराते स्वास्थ्य संकट का अंदाजा पंद्रह वर्षीय हसीनी वसाना की हालत से लगाया जा सकता है। उसका नौ महीने पहले किडनी प्रत्यारोपण हुआ था और जीवनभर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवाएं लेना जरूरी है। लेकिन अब अस्पताल ने हाथ खड़े कर दिए हैं कि नहीं पता कि बीमार को जरूरी दवाएं दोबारा कब मिल पाएंगी। परिवार ने घर बेचकर वसाना का इलाज कराया था लेकिन अब उसकी जान पर फिर संकट बन आया है। इसी तरह, कैंसर मरीजों के लिए भी लगातार लेने वाली आवश्यक दवाओं का भंडार खत्म हो रहा हैं।
आप बीमार न पड़ें और दुर्घटना में घायल भी न हों ताकि अस्पताल जाने की नौबत न आए। देश में गंभीर हालात हैं। -समथ धर्मरत्ने, अध्यक्ष, श्रीलंका मेडिकल एसोसिएशन
पालतू जानवरों से भी बचने की सलाह
अस्पतालों में रेबीज, मिर्गी और यौन संचारित रोगों के लिए भी दवाओं की कमी हो गई है। श्रीलंका मेडिकल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ सुरंथा परेरा ने कहा, अगर आपके पास पास पालतू जानवर हैं तो भी सावधानी बरतें। अगर वह आपको काट ले तो सर्जरी की जरूरत पड़ेगी। वहीं, रेबीज के एंटीसिरम और टीके नहीं हैं।
राजपक्षे को अमेरिका ने नहीं दिया वीजा
गोतबाया राजपक्षे श्रीलंका छोड़कर मालदीव के बजाय अमेरिका भागना चाहते थे। लेकिन अमेरिका ने उन्हें वीजा नहीं दिया। राजपक्षे के पास श्रीलंका और अमेरिका की दोहरी नागरिकता थी। 2019 में राष्ट्रपति चुनाव से पहले उन्होंने अपनी अमेरिका की नागरिकता छोड़ दी थी। श्रीलंका में दोहरी नागरिकता वाले सांविधानिक पद पर नहीं रह सकते।
भीड़ ने कहा-सिर्फ हमारी खबरें दें
भीड़ ने सरकारी टेलीविजन चैनल रूपवाहिनी की इमारत पर भी धावा बोल दिया। प्रदर्शनकारियों ने चैनल के एंकरों से मांग की, सिर्फ सरकार विरोधी आंदोलन की ही खबरें दिखाई जाएं। चैनल ने प्रदर्शनकारियों को पक्ष रखने के लिए 15 मिनट का समय दिया। फिर प्रसारण बंद करना पड़ा।
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