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शख्स ने गलती से कचरे में फेंक दी थी हार्ड ड्राइव, अब नासा की ली मदद

Neha Dani
20 Dec 2021 10:56 AM GMT
शख्स ने गलती से कचरे में फेंक दी थी हार्ड ड्राइव, अब नासा की ली मदद
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कचरा स्टोर करना और ट्रीट करना काफी महंगा पड़ सकता है।

दुनियाभर में इन दिनों करेंसी को लेकर काफी उथल-पुथल का दौर देखने को मिल रहा है और यह घटनाक्रम तेजी से तब बदला जब क्रिप्टोकरेंसी ने बाजार में एंट्री मार दी। लोग देखते ही देखते मिलिनियर बन गए। इसी कड़ी में ब्रिटेन के एक शख्स से जुड़ा ऐसा मामला सामने आया है जिसने एजेंसियों को हैरान कर दिया है। इस शख्स की ऐसी हार्ड ड्राइव खो गई जिसमें करीब 34 अरब रुपये का डेटा मौजूद था। इस डेटा की कीमत उस शख्स को तब पता चली जब बिटकॉइन जैसी करेंसी की कीमत आंकी गई।

दरअसल, ब्रिटेन के न्यूपोर्ट सिटी काउंसिल में रहने वाले इस शख्स का नाम जेम्स हावेल है। 'द मेट्रो' की एक ऑनलाइन रिपोर्ट के मुताबिक, इस शख्स की हार्ड ड्राइव करीब सात साल पहले एक कचरे के ढेर में गुम हो गई थी। हैरानी की बात यह है कि तब इस ड्राइव की कीमत उतनी नहीं थी इसलिए शख्स ने उसे हल्के में लिया, हालांकि वह उसे ढूंढता रहता था। इसी बीच दुनिया में करेंसी का दौर पूरी तरह से बदल गया।
रिपोर्ट के मुताबिक इस शख्स को धीरे-धीरे एहसास होने लगा कि ड्राइव में मौजूद डेटा उसे बहुत ही अमीर बना सकता है। इस हार्ड ड्राइव में 2638 करोड़ रुपये के 7500 बिटकॉइन हैं और इसमें क्रिप्टोग्राफिक प्राइवेट के पासवर्ड भी मौजूद थे। शख्स ने इसे ढूंढने के लिए अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के डेटा एक्सपर्ट की मदद ली है। एक्सपर्ट की यह फर्म नासा को सेवा दे चुकी है।
जानकारी के मुताबिक, जेम्स ने बताया कि इस ड्राइव में एक क्रिप्टोग्राफिक के प्राइवेट पासवर्ड सेव हैं जो बिटकॉइन्स के लिए बहुत जरूरी है। अगर यह रिकवर नहीं हुआ तो 340 मिलियन पाउंड यानी करीब 34 अरब रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा। इतना ही नहीं जेम्स ने यह घोषणा कर दी है कि अगर प्रशासन उनकी हार्ड ड्राइव खोजने में मदद करता है तो वह ड्राइव से मिलने वाले पैसों का 25 प्रतिशत शहर के कोरोना फंड को देंगे।
फिलहाल जेम्स एक्सपर्ट्स की पूरी टीम लेकर उस ड्राइव को ढूंढने में जुटे हुए हैं। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि न्यूपोर्ट सिटी काउंसिल ने भी पुष्टि की है कि जेम्स ने अधिकारियों से 2013 के बाद कई बार गुजारिश की है लेकिन उनका कहना है कि इसका पर्यावरण पर भारी नुकसान होगा। अधिकारियों का कहना है कि लैंडफिल की खुदाई, कचरा स्टोर करना और ट्रीट करना काफी महंगा पड़ सकता है।


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