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एशिया माइनस 24 और नॉर्थ अमेरिका माइनस 33।
1970 के बाद से लिविंग प्लैनेट इंडेक्स में औसतन 68% की गिरावट हुई है। बड़े पैमाने पर वनों की कटाई और मनुष्यों द्वारा अधिक खपत या उपभोग इसका कारण है। मानव गतिविधि ने धरती की कुल भूमि के तीन चौथाई हिस्से और पृथ्वी के 40 प्रतिशत महासागरों को नुकसान पहुंचा है। प्रकृति के इस विनाश से मानव स्वास्थ्य और आजीविका पर भी गंभीर असर पड़ेगा। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और जूलॉजी सोसाइटी ऑफ लंदन की लेटेस्ट रिपोर्ट लिविंग प्लैनेट इंडेक्स में यह दावा किया गया है। आइए जानते हैं कि क्या हैं, लिविंग प्लैनेट इंडेक्स में औसतन 68% की गिरावट के मायने।
ऑवर वर्ल्ड इन डाटा की रिपोर्ट के मुताबिक कई बार लोग समझते हैं कि 68% की गिरावट का अर्थ है कि जीवों की कुल आबादी इतने फीसद कम हो गई है। पर ऐसा नहीं है। यह हमें जीव, प्रजातियों या आबादी की संख्या, या यहां तक कि घट रही आबादी के हिस्से के बारे में कुछ भी नहीं बताता है। लिविंग प्लैनेट इंडेक्स (एलपीआई) दुनिया भर में जानवरों की आबादी में औसत परिवर्तन को मापता है। एक 'आबादी' को भौगोलिक क्षेत्र के भीतर एक प्रजाति के रूप में परिभाषित किया गया है। इसलिए, एक ही प्रजाति होने के बावजूद, दक्षिण अफ्रीका और तंजानिया में अफ्रीकी हाथी को अलग-अलग आबादी के रूप में गिना जाता है।
इस उदाहरण से समझें
हम ब्लैक राइनो (गैंडे) की दो आबादी का वास्तविक जीवन उदाहरण लेने जा रहे हैं: एक तंजानिया में और एक बोत्सवाना में। पहले हम 1980 में उनकी जनसंख्या का आकार देखते हैं: तंजानिया में 3795 गैंडे थे, और बोत्सवाना में केवल 30 थे। बाद के दशकों में तंजानिया में गहन अवैध शिकार ने इसकी आबादी को गंभीर रूप से संकटग्रस्त स्थिति में पहुंचा दिया है। 2017 तक केवल 160 गैंडे बचे थे। वहीं बोत्सवाना में वास्तव में समय के साथ सुधार हुआ। यहां 30 से गैंडे बढ़कर 50 हो गए। यानी 1980 और 2017 के बीच ब्लैक राइनो की संख्या में तंजानिया में माइनस 96 फीसद का अंतर आया और बोत्सवाना में प्लस 67 फीसद का। यानी एक इलाके का इंडेक्स माइनस 96 फीसद और दूसरे का प्लस 67 फीसद है।
इस इंडेक्स में कितने जीव शामिल
यह भी समझने की जरूरत है कि यह धरती के सभी जीवों की रिपोर्ट नहीं है। इसमें केवल कशेरुकी प्रजातियां शामिल हैं - स्तनधारी, पक्षी, मछली, सरीसृप और उभयचर। नवीनतम रिपोर्ट में दुनिया भर की 4000 प्रजातियों को शामिल किया गया है। इसमें सभी ज्ञात पक्षी प्रजातियों का 15 फीसद, स्तनधारियों का फीसद, मछली फीसद, उभयचर फीसद और ज्ञात सरीसृप का केवल 2 फीसद प्रजातियां शामिल हैं।
क्यों जरूरी है इस इंडेक्स को मापना
इस इंडेक्स से पता चलता है कि किस इलाके या देश में कौन सा जीव कितनी तेजी से कम हो रहा है या उनकी संख्या में सुधार हो रहा है। इससे इन जीवों को बचाने की योजनाएं बनाने में मदद मिलती है।
किस महाद्वीप में कितनी गिरावट
एशिया पैसिफिक माइनस 45, अफ्रीका माइनस 65, लैटिन अमेरिका माइनस 94, यूरोप-सेंट्रल एशिया माइनस 24 और नॉर्थ अमेरिका माइनस 33।
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