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मवेशी तथा जंगली सुअरों के अवशेष मिले हैं, जिनकी बलि दी गयी होगी।
चीनी मीडिया के मुताबिक ये खजाना छह बलि देने वाले गड्डों से मिला है। खजाना सोने, कांस्य और जेड से बना है। इतिहासकारों का मानना है कि ये शू के प्रचानी साम्राज्य का हिस्सा है। सांक्शिंगदुई संस्कृति के बारे में अभी बहुत कम जानकारी है, क्योंकि इनका कोई लिखित इतिहास मौजूद नहीं है। माना जा रहा है कि इस खोज से इनके बारे में पता चलेगा।
1920 में मिला था सांक्शिंगदुई खंडहर
यह खजाना दक्षिणपश्चिमी चीन के सिचुआन प्रांत में सांक्शिंगदुई रुइन्स (खंडहर) में मिला। सांक्शिंगदुई खंडहर की खोज मूल रूप से 1920 के दशक के अंत में हुई थी और इसे 20वीं सदी की दुनिया की सबसे महान पुरातात्विक खोज में से एक बताया गया है।
तीन हजार साल पुरान हो सकता है खजाना
प्रांतीय राजधानी चेंगदू से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित ग्वांगन शहर में यह खंडहर 12 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में है और इसे शू साम्राज्य का अवशेष माना जा रहा है जो करीब 3,000-4,500 साल पहले था।
खुदाई में क्या-क्या मिला
खंडहर के आसपास पुरातत्वविदों को राख की खाई, स्थापत्य नींव और बलि देने के लिए बनाए गए छोटे गड्ढे तथा सांस्कृतिक अवशेषों के साथ ही बांस, नरकट, सोयाबीन और मवेशी तथा जंगली सुअरों के अवशेष मिले हैं, जिनकी बलि दी गयी होगी।
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