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अंतिम जत्था भी जापोरिज्जिया पहुंचा, मारियुपोल में स्टील प्लांट में छिपा नागरिकों का

Admin4
26 Sep 2022 9:15 AM GMT
अंतिम जत्था भी जापोरिज्जिया पहुंचा,  मारियुपोल में स्टील प्लांट में छिपा नागरिकों का
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जापोरिज्जिया: यूक्रेन के तबाह हो चुके बंदरगाह शहर मारियुपोल में एक इस्पात संयंत्र के नीचे बंकरों में शरण लिए नागरिकों का अंतिम जत्था भी रविवार देर रात जापोरिज्जिया शहर पहुंचा.
बंकरों से निकाले गए लोगों ने लगातार बमबारी, भोजन की कमी और भोजन पकाने के लिए ईंधन के तौर पर हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने की बात कही. जापोरिज्जिया की सुनसान सड़कों पर रात के घने अंधेरे के बीच 10 बसें मारियुपोल इलाके से 174 लोगों को लेकर पहुंचीं. इनमें अजोवस्तल इस्पात संयंत्र से अंतिम दिन बचाए गए 51 में से 30 नागरिक शामिल थे. ऐसा अनुमान है कि इस संयंत्र में यूक्रेन के तकरीबन 2,000 लड़ाके फंसे हुए हैं.
लगातार बमबारी हो रही थी और ऐसी आशंका थी कि बंकर ढह जाएगा:
अजोवस्तल में 10 मार्च से शरण लिए 69 वर्षीय ल्युबोव आंद्रोपोवा ने कहा, ''बंकरों में हालात बहुत भयंकर थे. छत से पानी टपकता था. हम बच्चों के लिए, उनके फेफड़ों के लिए चिंतित थे. उन्होंने बताया कि लगातार बमबारी हो रही थी और ऐसी आशंका थी कि बंकर ढह जाएगा. समुद्र किनारे स्थित यह इस्पात संयंत्र ही मारियुपोल में इकलौता हिस्सा है जो रूस के नियंत्रण में नहीं है. इसमें बनी गहरी सुरंगों और बंकरों के कारण कई नागरिकों ने इसे लगातार हो रही बमबारी से छिपने के लिए सुरक्षित जगह के तौर पर चुना.
कोरोना वायरस महामारी के कारण पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध था और ईंधन का अच्छा विकल्प:
यूक्रेन में 24 फरवरी को युद्ध शुरू होने के कुछ दिनों बाद ही दिमित्रो स्वीदाकोव ने अपनी पत्नी और 12 साल की बेटी के साथ बंकरों में शरण ले ली थी. उन्होंने बताया कि करीब 50-60 लोगों के साथ एक बंकर में रहते हुए पहला डेढ़ महीना तो ठीक था लेकिन फिर बमबारी तेज हो गयी. भोजन की कमी होने लगी और भोजन पकाने के लिए ईंधन की भी कमी होने लगी लेकिन फिर उन्हें हैंड सैनेटाइजर मिला जो कोरोना वायरस महामारी के कारण पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध था और ईंधन का अच्छा विकल्प है.
बच्ची को बाकी के बचाए लोगों के साथ जापोरिज्जिया ले जाया गया है:
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने बताया कि मारियुपोल में व्यापक पैमाने पर विध्वंस के बावजूद अजोवस्तल से बचाए गए 51 लोग शहर में ही रुक गए हैं.उन्होंने बताया कि रूसी सेना ने एक महिला और एक पुरुष को हिरासत में ले लिया है. सेना की चिकित्सक होने के संदेह में हिरासत में ली गयी महिला अपनी चार साल की बेटी के साथ थी. मां और बच्ची को अलग कर दिया गया है और बच्ची को बाकी के बचाए लोगों के साथ जापोरिज्जिया ले जाया गया है.

न्यूज़ क्रेडिट: firstindianews

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