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भारत से हजारों मील दूर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर, यहां जानें खासियत
jantaserishta.com
10 Oct 2023 4:07 AM GMT
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रॉबिंसविले: अमेरिका में सबसे बड़े हिंदू मंदिर बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम का उद्घाटन हो गया है. ये मंदिर 185 एकड़ में फैला है, जिसे अब भक्तों के लिए खोल दिया गया है. यह मंदिर अमेरिका और दुनियाभर में रहने वाले लोगों के लिए एकता, शांति और सद्भाव का संदेश देता है. भगवान स्वामीनारायण को समर्पित मंदिर का निर्माण 2011 में शुरू हुआ था और इस साल बनकर तैयार हुआ है. इसे दुनियाभर के 12,500 वॉलंटियर्स द्वारा बनाया गया है. मंदिर की कई प्रमुख अनूठी विशेषताएं हैं. इनमें से एक पत्थर से निर्मित अब तक का सबसे बड़ा गुंबद है.
बता दें कि विश्व स्तर पर बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम हिंदू कला, वास्तुकला और संस्कृति के मील के पत्थर हैं और यह आध्यात्मिक और कम्युनिटी हब के रूप में माने जाते हैं, जो सभी धर्मों और पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों को आकर्षित करते हैं. न्यूजर्सी में अक्षरधाम विश्व स्तर पर तीसरा ऐसा सांस्कृतिक परिसर है. पहला अक्षरधाम 1992 में गुजरात की राजधानी गांधीनगर में बनाया गया था. उसके बाद 2005 में नई दिल्ली में अक्षरधाम बनाया गया था.
न्यूजर्सी के रॉबिन्सविले में 30 सितंबर को शुरू हुए 9 दिवसीय उत्सव के बाद रविवार को अक्षरधाम टेंपल का भव्य कार्यक्रम में उद्घाटन हुआ. उसके बाद मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया. स्वामी महाराज ने अनुष्ठानों और पारंपरिक समारोहों के बीच मंदिर में 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह आयोजित किया.
VIDEO | “I am an immigrant and I came to America 20 years ago. For me to see this monument of our culture and our values here, it is really a special feeling and a moment of pride," says a devotee after visiting the BAPS Swaminarayan Akshardham Temple in Robbinsville, New Jersey. pic.twitter.com/fx2d18L4jG
— Press Trust of India (@PTI_News) October 9, 2023
वॉलंटियर्स लेनिन जोशी ने कहा, स्वामीनारायण अक्षरधाम भारत की विरासत और संस्कृति को आधुनिक अमेरिका के सामने प्रस्तुत करता है. उन्होंने कहा, इसे दुनियाभर के वॉलंटियर्स द्वारा बनाया गया. इसमें परंपराओं को संरक्षित करने की कोशिश की है. शांति, आशा और सद्भाव का संदेश दिया गया है. जोशी ने कहा, हम पिछले कई वर्षों से इस पल का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने कहा, आखिरकार वो दिन आ गया, जब देशभर से लोग मंदिर में आ सकेंगे और भारतीय हिंदू परंपरा, शांति, भक्ति और वास्तुशिल्प चमत्कार के प्रतीक मंदिर में भव्य दर्शन कर सकेंगे.
उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण लगभग 12,500 वॉलंटियर्स ने किया है. इसमें सभी वर्गों के पुरुषों, महिलाओं और बच्चों योगदान दिया है. इन लोगों ने अपनी नौकरी और पढ़ाई से छुट्टी ली और मंदिर के निर्माण के लिए खुद को दिनों और महीनों के लिए समर्पित कर दिया. जोशी ने मंदिर के कुछ अनूठे पहलुओं पर भर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, इसके निर्माण में 1.9 मिलियन क्यूबिक फीट पत्थर का उपयोग किया गया है. पत्थर को दुनियाभर के 29 से ज्यादा विभिन्न स्थलों से मंगाया गया है, जिसमें भारत से ग्रेनाइट, राजस्थान से बलुआ पत्थर, म्यांमार से सागौन की लकड़ी, ग्रीस, तुर्की और इटली से संगमरमर और बुल्गारिया और तुर्की से चूना पत्थर आया है.
उन्होंने कहा, मंदिर को प्राचीन भारतीय कला, वास्तुकला और संस्कृति को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है, जिसमें 10,000 मूर्तियां, प्राचीन भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों और नृत्य रूपों की नक्काशी के साथ-साथ भारत की पवित्र नदियों का पानी भी शामिल है.
#WATCH | The largest Hindu temple in the US - BAPS Swaminarayan Akshardham - was inaugurated in Robbinsville, New Jersey on Sunday, 8th October. pic.twitter.com/nSvsJ1kzhG
— ANI (@ANI) October 9, 2023
न्यूयॉर्क शहर के मेयर कार्यालय के उपायुक्त दिलीप चौहान ने बताया कि अक्षरधाम मंदिर का उद्घाटन और समर्पण पूरे अमेरिका में भक्तों, स्वयंसेवकों और अनुयायियों के लिए एक सपने के सच होने जैसा है. उन्होंने कहा, रॉबिन्सविले में अक्षरधाम सिर्फ किसी एक समुदाय के लिए एक मंदिर नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक परिसर सभी समुदायों को एक साथ लाने वाला है और स्थानीय, राज्य और संघीय सरकार और आस्था-आधारित समुदाय के बीच एक पुल होगा. चौहान ने कहा, 'हम यहां वास्तविक विविधता देख सकते हैं.
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