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ब्रिटेन की संसद में बुधवार को भारत में किसानों के आंदोलन का मुद्दा उठा |
ब्रिटेन की संसद में बुधवार को भारत में किसानों के आंदोलन का मुद्दा उठा, तो इस पर प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के जवाब ने सबको अचंभित कर दिया। दरअसल, ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स के किसान आंदोलन का मुद्दा उठा तो भ्रमित जॉनसन ने इसे भारत और पाकिस्तान के बीच का मुद्दा बता दिया। उन्होंने कहा कि इस दो सरकारों द्वारा हल किया जाना है।
लेबर पार्टी के ब्रिटिश सिख सांसद तनमनजीत सिंह धेसी ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से भारत में किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन पर संसद में सवाल पूछा, तो जॉनसन भ्रमित हो गए। जॉनसन ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी विवाद का हल द्विपक्षीय बातचीत से हो सकता है।
धेसी ने कहा, 'कई सांसद, विशेष रूप से पंजाब और भारत के अन्य हिस्सों से आने वाले, और मैं शांति से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ इस्तेमाल किए जा रहे वाटर कैनन, आंसू गैस के गोले और सुरक्षाबलों के फुटेज को देखकर भयभीत हो गया हूं। हालांकि वही किसान उन सुरक्षाबलों को खाना खिला रहे हैं जिन्हें उन्हें पीटने का आदेश दिया गया है। तो क्या प्रधानमंत्री जॉनसन भारतीय प्रधानमंत्री को हमारी दिली चिंताओं से अवगत कराएंगे। हमें उम्मीद है कि मौजूदा गतिरोध का जल्द समाधान निकाला जाएगा और क्या वे इस बात से सहमत हैं कि सभी को शांतिपूर्ण विरोध का मौलिक अधिकार है।'
Many were horrified to see water cannon, tear gas and brute force being used against farmers peacefully protesting in India about #FarmersBill2020.
— Tanmanjeet Singh Dhesi MP (@TanDhesi) December 9, 2020
Everyone has the fundamental right to protest peacefully.
But it might help if our PM actually knew what he was talking about! pic.twitter.com/EvqGHMhW0Y
इस सवाल का जवाब देते हुए जॉनसन ने कहा, 'बेशक श्री अध्यक्ष और माननीय सज्जन हमारे विचार अच्छी तरह से जानते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच जो कुछ भी हो रहा है, उसे लेकर हमारी गंभीर चिंताएं हैं, लेकिन ये इन दोनों सरकारों के बीच के प्रमुख मामले हैं और इसका हल दोनों सरकारें कर सकती हैं।' ऐसा तब हुआ है जब कुछ दिनों पहले विदेशी कार्यालय द्वारा किसानों के आंदोलन पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया गया था। तब ब्रिटेन के प्रवक्ता ने कहा था, 'विरोध प्रदर्शनों को संभालने वाली पुलिस भारत सरकार का एक मामला है।'
जॉनसन के जवाब से अचंभित धेसी ने तत्काल सोशल मीडिया का सहारा लिया और ट्विटर पर आश्चर्य प्रकट किया कि प्रधानमंत्री जॉनसन को यह नहीं पता कि वह किस विषय पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये मदद कर सकता था यदि हमारे प्रधानमंत्री जानते कि वे किस बारे में बात कर रहे हैं।
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