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US कैपिटल हमले की जांच रिपोर्ट आई सामने...अधिकारियों ने माना- सुधार की जरूरत
Apurva Srivastav
8 Jun 2021 3:54 PM GMT
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अमेरिका में छह जनवरी को संसद भवन कैपिटल पर हुए हमले के संबंध में सीनेट की जांच रिपोर्ट सामने आई है
अमेरिका (America) में छह जनवरी को संसद भवन कैपिटल (Capitol) पर हुए हमले के संबंध में सीनेट की जांच रिपोर्ट (Senate Probe Report) सामने आई है जिसमें घटना के पहले सरकार, सेना और कानून लागू करने वाली एजेंसियों द्वारा उठाए गए गलत कदमों का जिक्र है. साथ ही बताया गया है कि संसद भवन की सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारियों के पास न तो खास प्रशिक्षण (Training) था और न कोई खास तैयारी थी और दंगाइयों ने उन्हें बहुत जल्द परास्त कर दिया था.
संसद की यह रिपोर्ट मंगलवार को जारी हुई और यह अंतिम रिपोर्ट भी हो सकती है जिसमें इस बात की द्विदलीय समीक्षा है कि कैसे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हजारों समर्थक सुरक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करते हुए संसद की इमारत में घुस गए और उन्होंने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन की विजय की पुष्टि के लिए आयोजित विशेष सत्र को बाधित किया.
आगे की कार्रवाई के लिए नहीं मिले निर्देश
इस रिपोर्ट में आगे की पंक्ति में तैनात पुलिस अधिकारियों के नए ब्योरों को शामिल किया गया है जो रसायन हमले में झुलस गए थे, जिनके मस्तिष्क में चोटें आईं और जिनकी हड्डियां टूट गई थीं. इन पुलिस अधिकारियों ने सांसदों को बताया कि जब सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त हुई उस वक्त उनके पास इस बात के कोई निर्देश नहीं थे कि आगे क्या करना है. इसमें कैपिटल पुलिस के प्रमुख को और अधिकार देने के लिए बदलाव लाने की सिफारिश की गई है.
द्विदलीय समीक्षा वाली इस रिपोर्ट में हमले के मूल कारण के तह तक नहीं जाया गया है और न ही इसमें ट्रंप की भूमिका का जिक्र है. आंतरिक सुरक्षा एवं सरकारी मामलों की समिति के अध्यक्ष मिशिगन सेन. गैरी पीटर्स ने कहा कि यह रिपोर्ट इन मायनों में अहम है क्योंकि यह हमें यहां संसद में सुरक्षा स्थिति में तत्काल सुधार की इजाजत देती है लेकिन यह कुछ बड़े प्रश्नों के उत्तर देने में नाकाम रही है जिनका एक देश और एक लोकतंत्र के रूप में हमें सामना करने की जरूरत है. पीटर्स ने संसद नियम समिति के साथ मिल कर यह जांच की थी.
पुलिस ने माना सुधार की जरूरत
संसद की रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि कैसे छह जनवरी को सुरक्षाकर्मियों को पहुंचने में घंटों की देरी हुई क्योंकि विभिन्न एजेंसियों ने बलों को भेजने में अनेक नौकरशाही कदम उठाए. इसमें कैपिटल के अधिकारियों और पेंटागन के बीच हुई बातचीत और अंत में कैपिटल पुलिस के तत्कालीन प्रमुख स्टीवन संड द्वारा परेशान हो कर मदद मागें जाने का भी जिक्र है.
इसमें कहा गया है कि कैपिटल पुलिस को भीड़ ने काबू में कर लिया था और उनके साथ बर्बरता से मारपीट की जा रही थी वहीं पेंटागन में 'मिशन योजना' में और कई स्तर से इजाजत लेने में कई घंटे बिता दिए गए. इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कैपिटल पुलिस ने स्वीकार किया कि सुधार की जरूरत है.
एक बयान में कहा गया कि देश भर में कानून लागू करने वाली एजेंसियां खुफिया सूचनाओं पर निर्भर करती हैं और उन खुफिया सूचनाओं की गुणवत्ता जीवन और मृत्यु के अंतर के समान हो सकती हैं. रिपोर्ट में अनेक सुधार की सिफारिश की गई है.
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