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इथियोपियन एयरलाइंस के विमान में पायलटों के सो जाने की घटना से मचा बवाल, जानें यहां

Neha Dani
21 Aug 2022 3:18 AM GMT
इथियोपियन एयरलाइंस के विमान में पायलटों के सो जाने की घटना से मचा बवाल,  जानें यहां
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विमान को उड़ाने की कला में पूर्ण रूप से पारंगत नहीं हैं तो आपको ऑटोपायलट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

अदीस अबाबा: विमान को परिवहन का सबसे तेज साधन माना जाता है। यही कारण है कि विमान को उड़ाने वाले पायलट अपने काम को लेकर काफी चौकन्ने रहते हैं। इसके बावजूद टर्बुलेंस के कारण विमान को झटके लगते रहते हैं। लेकिन, जरा सोचिए- अगर विमान हवा में हजारों फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा हो और उसके दोनों पायलट सो जाएं, तब क्या होगा। ऐसी ही एक घटना इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा में हाल में ही देखने को मिली है। यहां इथियोपियन एयरलाइंस के एक विमान के पायलट 37000 की फीट की ऊंचाई पर सो गए थे। इस विमान ने सूडान के खार्तूम से अदीस अबाबा के लिए उड़ान भरी थी। ये पायलट इतनी गहरी नींद में थे कि उन्हें एयर ट्रैफिक कंट्रोल से आ रही चेतावनी को भी अनसुना कर दिया। इस कारण विमान को उतरने में 25 मिनट का अतिरिक्त समय लग गया। एयर सेफ्टी रेगुलेटरी ने इस घटना को काफी गंभीर बताया और जांच शुरू कर दी।


विमान में पायलट सो कैसे जाते हैं
वर्तमान में इस्तेमाल हो रहे विमान ऑटोपायलट की तकनीक से लैस होते हैं। ऐसे में फ्लाइट के टेक ऑफ करने के बाद पायलट का पहला लक्ष्य निर्धारित ऊंचाई को छूना होता है। अगर मौसम साफ है और खतरे की कोई बात नहीं है तो पायलट अपने गंतव्य स्थान तक के लिए ऑटोपॉयलट का फीचर ऑन कर देते हैं। ऐसे में विमान के पायलटो को सिर्फ विमान के गतिविधियों की निगरानी करनी होती है। बाकी का सारा काम ऑटोपायलट करता है। ऐसे में कई बार थकान के कारण पायलट आंख झपकाने लगते हैं और अनजाने में वे गहरी नींद में चले जाते हैं। ऐसी स्थिति में कई बार उन्हें अपने हेडसेट पर आ रही एयर ट्रैफिक कंट्रोल की बातें भी सुनाई नहीं देती हैं।

क्या हो अगर विमान अपने गंतव्य को पार कर जाए
ऑटोपायलट ऑन होने पर विमान को गंतव्य पर पहुंचाने की जिम्मेदारी पूरी तरह से कंप्यूटर संभालता है। जब विमान अपने निर्धारित एयरपोर्ट के करीब पहुंचता है, तब ऑटोपायलट को डिस्कनेक्ट करना होता है। डिस्कनेक्ट होते ही विमान का पूरा कंट्रोल दोबारा पायलट के हाथ में आ जाता है। जिसके बाद वह अपने स्किल और ट्रेनिंग के आधार पर हजारों फीट की ऊंचाई पर उड़ रहे विमान को सुरक्षित तरीके से जमीन पर लैंड करवाते हैं। अगर निर्धारित एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद भी ऑटोपायलट ऑफ नहीं किया जाता, तब कॉकपिट में एक हूटर तेज आवाज में बजने लगता है। यह चेतावनी होती है कि आप अपने गंतव्य को पार कर चुके हैं। ऐसी स्थिति में पायलट तुरंत सतर्क हो जाते हैं और विमान को नजदीकी एयरपोर्ट पर उतारने की कोशिश करते हैं।

कैसे काम करता है ऑटोपायलट
ऑटोपायलट उतना "ऑटो" नहीं है, जितना सोचा जाता है। ऐसा कोई रोबोट नहीं है जो पायलट की सीट पर बैठा हो और बटन दबाता हो जबकि असली पायलट झपकी लेता है। यह सिर्फ एक फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम है, जो पायलट को लगातार हाथों से कंट्रोल के बिना एक हवाई जहाज को उड़ाने की अनुमति देता है। एक मॉर्डन फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम में मुख्य रूप से तीन पार्ट होते हैं। पहला- एक फ्लाइट मॉनिटरिंग कंप्यूटर, दूसरा- कई हाई स्पीड के प्रोसेसर और तीसरा- विमान के कई हिस्सों पर लगाए गए सेंसरों की एक सीरीज। सेंसर पूरे विमान से डेटा एकत्र करते हैं और उन्हें प्रोसेसर को भेजते हैं, जो बदले में कंप्यूटर को बताते हैं कि क्या करना है।

ऑटोमेटिक फ्लाइट कंट्रोल में होते हैं तीन पार्ट
ऑटोमेटिक फ्लाइट कंट्रोल भी जटिलता के तीन अलग-अलग स्तर पर आते हैं। उनके द्वारा नियंत्रित भागों की संख्या के आधार पर सिंगल-, टू-, और थ्री-एक्सिस ऑटोपायलट होते हैं। सिंगल-एक्सिस एलेरॉन को नियंत्रित करता है। सिंगल-एक्सिस ऑटोपायलट को "विंग लेवलर" भी कहा जाता है क्योंकि यह प्लेन को नियंत्रित करता है और पंखों को जमीन से लंबवत बनाता है। वहीं, डबल एक्सिस ऑटोपायलट उन सभी काम को कर सकता है, जो सिंगल एक्सिस करता है। इसके अलावा यह विमान के लिफ्ट (जमीन से ऊंचाई) को संभालता है। इसके अलावा थ्री-एक्सिस ऑटोपायलट सिंगल और डबल के साथ मिलकर पूरे विमान को संभालता है। यह कंप्यूटर सर्वोमैकेनिज्म यूनिट्स को बताता है कि अब क्या करना है।

बेहद खतरनाक भी है ऑटोपायलट
ऑटोपायलट की सफलता पायलट के ज्ञान पर निर्भर करती है। अगर उन्हें गलत तरीके से प्रोग्राम किया जाता है तो वे आपको मौत की दहलीज तक लेकर जा सकते हैं। अमेरिकी वायु सेना के पूर्व पायलट और एविएशन एक्सपर्ट अर्ल वीनर के अनुसार, ऑटोपायलट गूंगे और आदेश को हर हाल में पूरा करने वाले सिपाही होते हैं। उन्होंने बताया कि अगर उसके पास गलत इनपुट मिलता है, तो वह उसे भी स्वीकार कर लेगा। जिसका मतलब यह है कि वह आपको मार सकता है। अगर आप विमान को उड़ाने की कला में पूर्ण रूप से पारंगत नहीं हैं तो आपको ऑटोपायलट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

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