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Jupiter से बड़ी चमकीली चीज टकराने की घटना होगी बेहद खास, जानिए कैसे

Gulabi
21 Sep 2021 5:06 PM GMT
Jupiter से बड़ी चमकीली चीज टकराने की घटना होगी बेहद खास, जानिए कैसे
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Jupiter की खबर

हमारे सौरमंडल में गुरू ग्रह का अवलोकन सामान्य टेलीस्कोप से नहीं होता है. लेकिन फिर भी आजकल बहुत सारे गैर पेशेवर खगोलविद छोटे लेकिन बढ़िया निजी टेलीस्कोप से गुरू ग्रह का अवलोकन कर पाते हैं. हाल ही में गुरु ग्रह पर ऐसी घटना हुई जिसे कई गैर पेशेवर खगोलविदों ने देख लिया और उसे कैमरे में भी कैद कर लिया. इस घटना में एक चमकीली वस्तु (Large shining object) गुरु ग्रह के वायुमंडल में प्रवेश करती दिखी और उससे टकराने के बाद हुए विस्फोट की चमक भी खगोलविदों को दिखाई दी, जिसने खगोलविज्ञान जगत में कौतूहल पैदा कर दिया.

कैमरे में कैद किया जान असामान्य
गुरु ग्रह पर इस तरह का टकराव असामान्य नहीं है. हां लेकिन इस घटना का कैमरे में कैद किया जाना असामान्य जरूर है जो की बहुत ही सही समय पर हुआ है. इसी महीने हुई इस घटना को दुनिया भर के अंतरिक्षदर्शियों ने कैद किया जब इस गुरु के ऊपरी वायुमंडल में यह विस्फोट हुआ था.
कब हुई थी यह घटना
इसी महीने की 13 तारीख को गैरपेशेवर खगोलविदों ने इस घटना को पकड़ा. जर्मनी से हेराल्ड पैलेस्की और ब्राजील के जोस लुइस पेरेइरा ने गुरु के सामने से गुजर रहे उपग्रह लो की परछाई को रिकॉर्ड करते समय इस घटना को रिकॉर्ड किया. इनके अलावा इटले में सिमोने गैलिली, फ्रांस के जीन पॉल अर्नाल्ड और माइक जैक्सन आदि शामिल हैं.
8वां अवलोकित टकराव होगा
यदि इस घटना की पुष्टि हो जाती है, तो यह गुरु ग्रह पर अवलोकित किय गया केवल 8वां टकराव होगा. जबकि पहला टकराव 1994 में शूमेकर लेवी 9 नाम के धूमकेतु के टकराव के समय हुआ था जो गुरु के टाइडल बलों की वजह से टूट गया था और उसमें बहुत सारे टुकड़ों के टकराव हुए थे.
पहले भी अवलोकित हुए हैं टकराव
ये टकराव गुरु ग्रह के दूसरी तरफ हुए थे, लेकिन हवाई के 2.2 मीटर के टेलीस्कोप ने टकराव के स्थान के ऊष्मा संकतों की तस्वीर ले ली थी जब वह स्थान अपने घूर्णन के दौरान सामने की ओर आया था और हबल ने तभी बादलों के पीछ काले धब्बे देखे थे जिन्हें स्कार कहा जाता है.
20 से 60 टकराव हो सकते हैं हर साल
यह पक्के तौर पर तो ज्ञात नहीं है कि गुरु पर कितनी बार इस तरह के टकराव होते हैं जिसका प्रकाश पृथ्वी तक दिखाई देता है, लेकिन फिर भी माना जाता है कि हर साल 20 से 60 बार इस तरह के टकराव होते होंगे. गुरु ग्रह बहुत विशाल ग्रह है और उसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र भी बहुत अधिक है जो उलकापिंडों को गति प्रदान कर देते है जिससे बहुत ही ज्यादा ऊर्जावान घटनाएं पृथ्वी से देखी जा सकती हैं.
अवलोकन बहुत मुश्किल
वैज्ञानिकों को कहना है कि हमे कई कारणों से इस तरह के टकारवों को अवलोकन नहीं कर सकते हैं. गुर ग्रह पर हाल की घटना से पहले का टकराव दो साल से भी पहले हुआ था.. ऑस्ट्रेलिया की साउदर्न क्वीन्सलैंड यूनिवर्सिटी के खगोलविद जॉन्टी होर्नल ने साइंस अलर्ट को बताया कि यह बहुत तेजी से उड़ने वाली घटना की तरह है. केवल कुछ ही सेकेंड में हो जाता है.
ऐसी घटनाएं जाहिर तौर पर नहीं दिखती हैं. कई बार वे नजर में नहीं आतीं और अवलोकित हुए बिना ही घट जाती हैं. इनमें से आधी ग्रह के पीछे की ओर होती हैं तब दिखाई नहीं देती हैं. फिर भी इनके देखे जाने की दर बढ़ रही है. इस घटना का विश्लेषण और ज्यादा जानकारी देगा जिसका खगोलविद बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
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