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शहबाज शरीफ की छवि देश में कट्टर यथार्थवादी की, तीन बार रहे पंजाब के मुख्यमंत्री

Subhi
11 April 2022 12:43 AM GMT
शहबाज शरीफ की छवि देश में कट्टर यथार्थवादी की, तीन बार रहे पंजाब के मुख्यमंत्री
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पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री बनने जा रहे शहबाज शरीफ की छवि देश में एक कट्टर यथार्थवादी की है, जो सिर्फ अपने काम से मतलब रखता है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के 70 वर्षीय छोटे भाई शहबाज देश की सबसे बड़े और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य पंजाब के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री बनने जा रहे शहबाज शरीफ की छवि देश में एक कट्टर यथार्थवादी की है, जो सिर्फ अपने काम से मतलब रखता है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के 70 वर्षीय छोटे भाई शहबाज देश की सबसे बड़े और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य पंजाब के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

तीन बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे

शहबाज बड़े भाई नवाज के साथ 1980 के दशक में राजनीति में शामिल हुए। 1988 में वह पहली बार पंजाब असेंबली के लिए चुने गए। तब नवाज पंजाब के मुख्यमंत्री बने थे। 1997 में शहबाज को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया गया। 1999 में नवाज के तख्तापलट के बाद शहबाज को आठ साल निर्वासन में बिताने पड़े। 2008 में दूसरी बार और 2013 में तीसरी बार सीएम पद पर काबिज हुए।

मुशर्रफ से पीएम पद का प्रस्ताव मिला

शहबाज ने दावा किया था कि जनरल मुशर्रफ ने उन्हें प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया था, बशर्ते वह अपने बड़े भाई नवाज का साथ छोड़ दें। उन्होंने इस प्रस्ताव को सिरे से ठुकरा दिया।

14 अरब रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

सितंबर 2020 में शहबाज को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में नेशनल अकाउंटिबिलिटी ब्यूरो ने गिरफ्तार कर लिया। जमानत मिलने से पहले कई महीने तक शहबाज को जेल में रहना पड़ा। हालांकि उन्होंने इन आरोपों को हमेशा राजनीति से प्रेरित बताया। अब भी उन पर 14 अरब पाकिस्तानी रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है और जांच जारी है।

शहबाज शरीफ के लिए स्थायी सरकार देना मुश्किल : विशेषज्ञ

पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री के रूप में शहबाज शरीफ की ताजपोशी तय मानी जा रही है लेकिन, सवाल उठने लगा है कि नई सरकार चलेगी कितने दिन। विदेश मामलों के विशेषज्ञ सुशांत सरीन ने कहा कि गठबंधन सरकार चलाना मुश्किल होगा और सरकार भी बाकी कार्यकाल शायद ही पूरा कर सके।

सरीन ने कहा, यह गठबंधन जिस तरह साथ आया है उसके पीछे कई कारण हैं जिनमें मुख्य हैं इमरान को अपदस्थ करना, चुनाव सुधार और खान के समय बनाए गए कानूनों में बदलाव। पाकिस्तान के भी राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि देश की आर्थिक समस्याओं के कारण शरीफ कुछ महीने बाद ही चुनाव की घोषणा कर सकते हैं।

सरीन ने कहा, नेशनल असेंबली का कार्यकाल अगले साल अगस्त तक है और मुझे नहीं लगता कि 12 पार्टियों का गठजोड़ इस समय को पार कर पाएगा। इन पार्टियों की सम्मिलित संख्या भी बहुमत से कुछ ही अधिक है। मेरे हिसाब से कुछ महीने बाद ही वह चुनाव की घोषणा कर देंगे।


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