विश्व

एक विज्ञापन देखकर आया डीएनए टेस्ट का ख्याल, रिपोर्ट में आया कुछ ऐसा कि उड़ गए पूरे परिवार के होश

Neha Dani
18 July 2022 8:28 AM GMT
एक विज्ञापन देखकर आया डीएनए टेस्ट का ख्याल, रिपोर्ट में आया कुछ ऐसा कि उड़ गए पूरे परिवार के होश
x
मुआवजे की कुल राशि 70 करोड़ रुपये थी.

डीएनए टेस्ट आमतौर पर पुलिस द्वारा किसी पेचिदा केस में या फिर इंसान अपने पिता या उससे पहले की पीढ़ी का पता करने के लिए कराया जाता है, लेकिन विदेशों में इन दिनों इसे लेकर एक अलग तरह का ट्रेंड देखने को मिल रहा है. यहां बड़ी संख्या में लोग अपने पूर्वजों के बारे में पता करने के लिए डीएनए टेस्ट करा रहे हैं. कई बार इस टेस्ट से उम्मीद के मुताबिक जानकारी मिलती है, तो कई बार कुछ ऐसा पता चलता है जिससे टेस्ट कराने वाला हैरान हो जाता है. ऐसे कई मामले पिछले कुछ दिनों में आ चुके हैं. हाल ही में अमेरिका मे रहने वाली एक महिला के साथ ऐसा ही कुछ हुआ.

एक विज्ञापन देखकर आया डीएनए टेस्ट का ख्याल

द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, टेक्सास (Texas, America) में रहने वाली 41 साल की माइया एमॉन्स (Maia Emmons-Boring) ने अक्टूबर 2018 में एक विज्ञापन देखा. इसमें कहा गया था कि घर बैठे ही आप डीएनए टेस्ट करा सकते हैं. माइया के घर में पति ब्रेंट और 16 साल की बेटी लारिसा भी हैं. एक दिन उन्होंने अपने पूर्वजों के बारे में जानने की उत्सुकता में उस विज्ञापन में दिए गए नंबर पर कॉल करके डीएनए टेस्ट के लिए बुकिंग कराई.

मां से पता चला आधा सच

टेस्ट के कुछ बाद माइया को रिपोर्ट भी मिल गई, लेकिन रिपोर्ट देखकर उनके होश उड़ गए. दरअसल, इस रिपोर्ट से पता चला कि उनकी 18 सौतेली बहनें हैं और उनके पिता असल में उनके बायलॉजिकल पिता नहीं हैं. माइया ने यह बात अपनी 69 वर्षीय मां शेरिल, 67 साल के पिता जॉन और अपनी दो बहनों को बताई. वे सब भी यह सुनकर हैरान हुए. हालांकि माइया के माता-पिता ने बताया कि उनके पिता जब 18 साल के धे तो उन्हें टेस्टिक्यूलर कैंसर हो गया था, जिसकी वजह से उनका पिता बन पाना मुश्किल था. इसके बाद उन्होंने एक अस्पताल की मदद से अंजान स्पर्म डोनर से स्पर्म लेकर पैरेंट्स बनने का फैसला किया था. उन्होंने पहले 2 बच्चे इसी तरह किए.

इस तरह मिलीं 18 बहनें

माइया इसके बाद भी परेशान थीं. वह समझ नहीं पा रहीं थीं कि आखिर 1 ही डोनर ने कैसे इतना स्पर्म एक ही जगह डोनेट किया. उन्होंने सचा का पता करने की ठानी. इसके बाद उन्होंने डीएनए रिपोर्ट के जरिये ऑनलाइन फैमिली ट्री बनाने वाली एक कंपनी से संपर्क किया. इसके बाद उनके सामने और हैरान करने वाली जानकारी आई. उन्हें ऐसी 18 महिलाएं मिलीं जो उनकी सौतेली बहन थीं. उन्होंने और तहकीकात की तो पता चला कि अस्पताल में कोई अनजान डोनर्स नहीं आता था, बल्कि इलाज करने वाला हॉस्पिटल का डॉक्टर जोन्स ही अपना स्पर्म ऐसी महिलाओं को दे रहा था. इसके बाद माइया ने हॉस्पिटल और उस डॉक्टर पर केस कर दिया, जिसने उनकी मां का इलाज किया था. वह डॉक्टर 80 साल का हो चुका था. पिछले साल अप्रैल में कोर्ट ने डॉक्टर को इस मामले में दोषी करार देते हुए उन सभी परिवारों को मुआवाज देने का आदेश दिया. मुआवजे की कुल राशि 70 करोड़ रुपये थी.

Next Story