विश्व
फ्रांस-अमेरिका के बीच पिघलने लगी रिश्तों पर जमी बर्फ, चीन की नींद उड़ा देगी ऑकस को लेकर यह खबर
Renuka Sahu
6 Oct 2021 6:22 AM GMT
x
फाइल फोटो
चीन के खिलाफ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नए गठजोड़ ऑकस को लेकर फ्रांस, अमेरिका से नाराज चल रहा था, मगर अब दोनों के बीच फिर से तालमेल बनने की संभावना है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन के खिलाफ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नए गठजोड़ ऑकस को लेकर फ्रांस, अमेरिका से नाराज चल रहा था, मगर अब दोनों के बीच फिर से तालमेल बनने की संभावना है। दोनों के रिश्तों में फिर से गरमाहट चीन के लिए किसी टेंशन से कम नहीं है। जो बाइडन प्रशासन द्वारा अमेरिका के सबसे पुराने सहयोगी फ्रांस को एक नये हिंद-प्रशांत सुरक्षा पहल से बाहर कर देने के बाद दोनों देश के बीच उत्पन्न विवाद के बाद अब फ्रांस और अमेरिका फिर से तालमेल बनाने के करीब आ गए हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने समझौते को लेकर दोनों देश के बीच पनपे विवाद से उबरने के तरीकों को तलाशने के लिए पेरिस में मुलाकात की। इस सौदे की वजह से ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए फ्रांसीसी पनडुब्बियों की आपूर्ति से जुड़ा कई अरब डॉलर का एक अनुबंध समाप्त हो गया था और मैक्रों सरकार ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए अमेरिका में अपने राजदूत को वापस बुलाने का अभूतपूर्व कदम उठाया था। मैक्रों के साथ बैठक के बाद एक फ्रांसीसी टेलीविजन साक्षात्कार में, ब्लिंकन ने मतभेद के लिए अमेरिकी जिम्मेदारी स्वीकार की।
ब्लिंकन ने कहा, 'हम बेहतर तरीके से बात कर सकते थे और करनी चाहिए थी।' उन्होंने कहा, 'हम कभी-कभी अत्यंत महत्त्वपूर्ण एवं गहरे रिश्ते का सही मूल्य नहीं समझ पाते जैसा फ्रांस और अमेरिका के बीच है।' अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, मैक्रों और ब्लिंकन ने लगभग 40 मिनट के आमने-सामने के सत्र में हिंद-प्रशांत और अन्य क्षेत्रों में संभावित अमेरिकी-फ्रांसीसी सहयोग पर बात की।
उनकी बातचीत के तुरंत बाद, व्हाइट हाउस ने एक बयान में घोषणा की, 'साझा द्विपक्षीय और क्षेत्रीय हितों पर हमारे चल रहे परामर्श के हिस्से के रूप मेंराष्ट्रपति जो बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, जेक सुलिवन, इस सप्ताह के अंत में पेरिस में अपने फ्रांसीसी समकक्ष, इमैनुएल बोन से मिलेंगे।' मैक्रों और ब्लिंकन की बैठक पिछले महीने 15 सितंबर को ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच तीन-तरफ़ा समझौते की घोषणा के साथ, जिसे ऑक्स के रूप में जाना जाता है, दोनों देशों के बीच विवाद शुरू होने के बाद से उच्चतम स्तर का व्यक्तिगत संपर्क था। इस समझौते में स्पष्ट रूप से फ्रांस और अन्य यूरोपीय दशों को छोड़ दिया गया था।
विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि दोनों देशों ने संभावित संयुक्त परियोजनाओं पर चर्चा की जिनकी घोषणा राष्ट्रपति जो बाइडन और मैक्रों के बीच इस महीने की किसी निर्धारित तारीख एवं स्थान पर होने वाली बैठक के दौरान की जा सकती है। इससे पहले 22 सितंबर को मैक्रों के साथ फोन पर हुई बातचीत में बाइडन ने गलती की भरपाई करने पर सहमति व्यक्त की थी।
Next Story