सियोल. उत्तर कोरिया ने गुरुवार को पुष्टि की कि उसने पिछले दिन ह्वासोंग-18 ठोस-ईंधन अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का परीक्षण किया था. इसके साथ ही उसके नेता किम जोंग-उन ने संकल्प लिया कि अमेरिका जब तक प्योंगयांग के विरूद्ध अपनी शत्रुतापूर्ण नीति जारी रखेगा तब तक वह अपनी सेना को मजबूत करना जारी रखेंगे.
प्योंगयांग की आधिकारिक कोरियाई सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के मुताबिक उत्तर कोरिया ने राष्ट्र की मुख्य हथियार प्रणाली की तकनीकी विश्वसनीयता और परिचालन विश्वसनीयता की पुष्टि करने के उद्देश्य से एक परीक्षण में ह्वासोंग -18 मिसाइल का एक नया प्रकार लॉन्च किया.
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, 13 अप्रैल को अपने पहले परीक्षण-फायरिंग के बाद इसने उत्तर कोरिया के दूसरे ठोस-प्रणोदक आईसीबीएम लॉन्च को चिह्नित किया. उल्लेखनीय है कि ठोस-ईंधन आईसीबीएम उच्च तकनीक हथियार प्रणालियों में से एक है, जिसे किम ने विकसित करने का संकल्प लिया है.
ठोस-ईंधन मिसाइलों को तरल-प्रणोदक मिसाइलों की तुलना में लॉन्च से पहले पता लगाना मुश्किल माना जाता है, इसके लिए अधिक प्री-लॉन्च तैयारियों की जरूरत होती है.
उत्तर कोरिया ने बोला कि पूर्वी सागर में पूर्व-निर्धारित क्षेत्र पर परफेक्ट रूप से उतरने से पहले, ह्वासोंग -18 ने 6,648.4 किमी की अधिकतम ऊंचाई पर 4,491 सेकंड के लिए 1,001.2 किमी की उड़ान भरी.
विशेषज्ञों के अनुसार, इसकी उड़ान का समय उत्तर कोरियाई आईसीबीएम के लिए अब तक का सबसे लंबा समय था, और यदि इसे एक मानक प्रक्षेपवक्र पर दागा जाता, तो मिसाइल 15 हजार किमी से अधिक उड़ान भर सकती थी.
केसीएनए ने “परीक्षण एक आवश्यक प्रक्रिया है, इसका उद्देश्य गणतंत्र की रणनीतिक परमाणु शक्ति को और विकसित करना है साथ ही, यह उत्तर कोरिया के विरोधियों को साफ तौर पर एक चेतावनी है.”
मिसाइल परीक्षण तब हुआ, जब उत्तर कोरिया ने इस हफ्ते की आरंभ में अपने “आर्थिक जल क्षेत्र” पर अमेरिकी नज़र उड़ानों की निंदा करते हुए “बार-बार गैर कानूनी घुसपैठ” की स्थिति में अमेरिकी जासूसी विमानों को मार गिराने की धमकी दी.