सोढ़ा राजपूत पाकिस्तान में भारतीय सीमा से लगते थारपारकर, उमरकोट और संघार में रहते हैं। जो शादी के लिए रिश्ता ढूंढने के लिए भारत आते हैं।
रिश्ते की तलाश में भारत आते हैं सोढ़ा राजपूत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये लोग अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं की वजह से अपने ही कबीले के दूसरे हिंदूओं से शादी नहीं कर सकते। यही वजह है कि सोढ़ा राजपूत विभाजन के बाद से अपने बच्चों के लिए रिश्ता ढूंढने के लिए भारत में दूसरे हिंदू राजपूतों के पास जाते हैं।
वीजा की अवधि 6 महीने करने की मांग
सोढ़ा राजपूतों का कहना है कि उन्हें इस काम में ज्यादा वक्त लगता है। उनके लिए 30 से 40 दिन का समय काफी नहीं है। इसलिए इनकी मांग है कि वीजा की अवधि को बढ़ाकर 6 महीने किया जाए। हालांकि, 2007 में उनकी इस मांग को पूरा करते हुए राजस्थान के पूर्व राज्यपाल एसके सिंह ने छह महीने तक के लिए वीजा विस्तार की इजाजत दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 में केंद्र सरकार ने इसे खत्म कर दिया।
भारतीय दूतावास ने ब्लैकलिस्ट लोगों को वीजा देने से मना किया
पाकिस्तान इंडिया पीपुल्स फोरम फॉर पीस एंड डेमोक्रेसी के अनीस हारून का कहना है कि सोढ़ा राजपूतों की इस समस्या पर ध्यान देने की जरूरत है, वीजा रोकना एक मानवीय समस्या है। रिपोर्ट बताती है कि इन लोगों को पाकिस्तान में भारतीय दूतावास ने वीजा देने से साफ इन्कार कर दिया है। क्योंकि वीजा अवधि के तय समय से ज्यादा वक्त तक ये लोग भारत में रुके थे।