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इंटरनेशनल कोर्ट में दो दिन चलेगी सुनवाई, पहले यूक्रेन रखेगा अपना पक्ष

Neha Dani
7 March 2022 7:51 AM GMT
इंटरनेशनल कोर्ट में दो दिन चलेगी सुनवाई, पहले यूक्रेन रखेगा अपना पक्ष
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एजेंसी या संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से पूछे गए कानूनी प्रश्न पर अपनी सलाह भी प्रस्तुत करती है.

यूक्रेन पर रूसी सेना (Russia-Ukraine War) की गोलाबारी के बीच संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत (United Nations' Top Court) में आज इस मुद्दे पर सुनवाई होगी. यूक्रेन चाहता है कि अदालत आपातकालीन फैसला सुनाते हुए रूस को आक्रमण रोकने को कहे. जबकि रूस युद्ध के अपने निर्णय को सही ठहराने के पक्ष में दलील पेश करेगा. इंटरनेशनल कोर्ट (International Court) में ये सुनवाई दो दिन चलेगी. 7 मार्च को यूक्रेन अपनी बात रखेगा और 8 मार्च को रूस उसका जवाब देगा.

Russia ने जायज ठहराया है हमला
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी खबर के अनुसार, यूक्रेन पहले ही ये कह चुका है कि हमले पर रूस का तर्क नरसंहार कानून की दोषपूर्ण व्याख्या पर आधारित है (Attack is Based on a Faulty Interpretation of Genocide Law). वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा था कि सैन्य कार्रवाई उन लोगों की रक्षा के लिए जरूरी है, जिन्हें लगातार डराया-धमकाया जा रहा है और जिनके नरसंहार की आशंका है. यानी पूर्वी यूक्रेन के ऐसे लोग जिनकी पहली या एकमात्र भाषा रूसी है.
बाध्यकारी होते हैं कोर्ट के फैसले
यूक्रेन की तरफ से कहा गया है कि नरसंहार का दावा पूरी तरह गलत है और आक्रमण के लिए कानूनी आधार भी प्रदान नहीं करता. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) यानी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय नरसंहार की रोकथाम पर 1948 की संधि की व्याख्या पर केंद्रित है, जिस पर दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे. संधि में ICJ को हस्ताक्षर करने वाले राष्ट्रों के बीच विवादों को सुलझाने के लिए मंच के रूप में नामित किया गया है. वैसे, इस अदालत के फैसले बाध्यकारी हैं और देश आम तौर पर उनका पालन करते हैं, लेकिन वास्तव में उन्हें लागू करने का कोई प्रत्यक्ष साधन नहीं है.
आखिर क्या है ICJ?
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) संयुक्त राष्ट्र की प्राथमिक न्याय शाखा है. यह नीदरलैंड के हेग स्थित पीस पैलेस में संचलित होती है. ये अदालत दो देशों के बीच कानूनी विवाद का निपटारा करती है. ICJ किसी भी अधिकृत अंतरराष्ट्रीय शाखा, एजेंसी या संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से पूछे गए कानूनी प्रश्न पर अपनी सलाह भी प्रस्तुत करती है.


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