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अपने यहां की एकदम साफ और पारदर्शी जानकारी साझा करने से कतराएंगे.
कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron)ने दुनिया के कई देशों में कहर बरपा रखा है. इस बीच एक अच्छी खबर सामने आई है. दरअसल, इजरायल के स्वास्थ्य मंत्री ने दावा किया है कि जिन लोगों ने जिन लोगों ने पिछले 6 महीने के भीतर फाइजर वैक्सीन की दूसरी डोज ली है या फिर वैक्सीन की बूस्टर डोज ली है, उन लोगों को ओमिक्रॉन का खतरा कम है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्री ने अपने इस दावे के समर्थन में कोई डेटा नहीं दिया है.
डेल्टा वैरिएंट 1.3 गुना ज्यादा संक्रामक है ओमिक्रॉन
इजरायल के स्वास्थ्य मंत्री निटजान होरोवित्ज ने कहा कि शुरुआती संकेतों से ये पता चलता है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ कुछ उम्मीदें हैं. मंत्री के इस बयान के कुछ घंटे बाद इजरायल के एक न्यूज चैनल ने दावा किया कि फाइजर की वैक्सीन ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण से बचाने में 90 फीसदी प्रभावी है. चैनल ने दावा किया कि ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट से केवल 1.3 गुना ही ज्यादा संक्रामक है.
इजरायल ने बंद किए देश में घुसने के रास्ते
ये खबर तब सामने आई है जब ओमिक्रॉन वैरिएंट के दो मामले इजरायल में सामने आए हैं. इसके बाद वहां इस वैरिएंट से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 4 हो गई है. ओमिक्रॉन वैरिएंट को रोकने के लिए इजरायल ने बीते रविवार को ही देश की सीमाओं के भीतर जाने के रास्ते बंद कर दिए थे.
फ्रांस में बिगड़ती जा रही है स्थिति
इजरायल के मंत्री के बयान के बाद फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री ओलिवियर वेरन ने कहा है कि फ्रांस में कोरोना महामारी की स्थिति बिगड़ती जा रही है. उन्होंने मंगलवार को नेशनल असेंबली को बताया कि प्रति दिन संक्रमण की औसत संख्या जो 30,000 से ज्यादा है, ये राष्ट्रीय क्षेत्र में वायरस के फैलने का दर्शाता है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांस ने मंगलवार को पिछले 24 घंटों में 47,177 नए कोविड-19 मामले दर्ज किए, जिससे देश में कुल मामलों की संख्या 7,675,504 हो गई.
WHO देशों पर प्रतिबंध लगाने का किया विरोध
ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए दुनिया के कई देशों ने उन देशों पर प्रतिबंध लगाया है जहां पर कोरोना के नए वैरिएंट के मामले सामने आए हैं. जिसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ (WHO) ने इन देशों पर प्रतिबंध लगाने का विरोध किया है. WHO का कहना है कि यह एकदम गलत तरीका है, क्योंकि ऐसे में भविष्य में ये देश अपने यहां की एकदम साफ और पारदर्शी जानकारी साझा करने से कतराएंगे.
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