बुकर पुरस्कार के सम्मानित सलमान रुश्दी इस वक्त वेंटिलेटर पर हैं और जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। डॉक्टर्स की ओर से उनके स्वास्थ्य पर कड़ी निगरानी की जा रही है। उन पर हमला करने वाला शख्स 24 साल का हादी मतार है जो न्यूयॉर्क का रहने वाला है। सलमान रुश्दी अपने उपन्यास "द सैटेनिक वर्सेज" के बाद से मुस्लिम लोगों के निशाने पर आए थे। ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी ने तो 1989 में रुश्दी के खिलाफ फतवा जारी किया था। रुश्दी पर जानलेवा हमले करने वाले शख्स की ईरान के कट्टरपंथी अखबारों ने प्रशंसा की है। एक अखबार ने लिखा कि रुश्दी जैसे दुष्ट व्यक्ति पर हमला करने वाले का हाथ चूमा जाना चाहिए। एक ने लिखा- रुश्दी पर हमला करने वाले को हजार सलाम।
कई कट्टरपंथी ईरानी समाचार पत्रों ने शनिवार को उस व्यक्ति की प्रशंसा की जिसने लेखक सलमान रुश्दी पर हमला किया और गंभीर रूप से घायल कर दिया। मामला उनके उपन्यास "द सैटेनिक वर्सेज" में ईशनिंदा करने से जुड़ा है। जिस पर ईरान के तत्कालीन प्रमुख अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी ने 1989 में मौत का फतवा जारी किया था।
सलमान रुश्दी पर हुए जानलेवा हमले के लिए ईरान में अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। शुक्रवार को न्यूयॉर्क में एक व्याख्यान के दौरान उनकी गर्दन पर हमलावर ने गर्दन और धड़ में चाकू से कई वार किए थे। इस हमले के बाद उनकी हालत अभी भी नाजुक है। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। वे डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में हैं।