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द ग्रेट बैरियर रीफ
ऑस्ट्रेलिया सरकार (Australian government) ने शुक्रवार को 'द ग्रेट बैरियर रीफ' (Great Barrier Reef) के संरक्षण के लिए अगले नौ वर्षों में और एक अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 5200 करोड़ रुपये) खर्च करने की घोषणा की.
सरकार ने 'द ग्रेट बैरियर रीफ' का विश्व विरासत स्थल का दर्जा घटाने संबंधी संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) के फैसले को स्थगित करने के बाद यह कदम उठाया. इस कदम के बाद 'द ग्रेट बैरियर रीफ' में फिर से मछलियों और अन्य जलीय जीवों की तादाद बढ़ेगी.
आलोचकों के अनुसार, यह घोषणा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन को पर्यावरण के हितैषी के रूप में पेश करने की कोशिश भर है. उन्होंने आरोप लगाया कि गठबंधन समुद्री के लगातार बढ़ते तापमान को रोकने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठा रहा, जो मूंगे की इन चट्टानों के अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा है.
अधिकारियों के मुताबिक, 58 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर उत्तर-पूर्वी तट पर भू-क्षरण की समस्या को दूर करने, भूमि की स्थिति में सुधार लाने और पोषक तत्वों व कीटनाशकों का समुद्र में अतिरिक्त प्रवाह रोकने के लिए खर्च किए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि 25.3 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर 'द ग्रेट बैरियर रीफ मरीन पार्क अथॉरिटी' को उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि स्टारफिश से उत्पन्न खतरों और मछली पकड़ने की अवैध गतिविधियां रोकी जा सके.
'द ग्रेट बैरियर रीफ मरीन पार्क अथॉरिटी' दुनिया के सबसे बड़े कोरल रीफ परिस्थितिकी का प्रबंधन करती है. जलवायु परिवर्तन की वजह से इस पर खतरा मंडरा गया था. अधिकारियों के अनुसार, 9.3 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर शोध कार्यों के लिए निर्धारित किए गए हैं.
प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन (Scott Morrison) ने कहा, 'हम 'द ग्रेट बैरियर रीफ' के संरक्षण के साथ-साथ पर्यटन और आतिथ्य सत्कार उद्योग से जुड़े लोगों व क्वीसलैंड के विभिन्न समुदायों के आर्थिक हितों की रक्षा पर जोर दे रहे हैं, जो संबद्ध अर्थव्यवस्था के केंद्र में हैं.'
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