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इन्फ्रास्ट्रक्चर पैकेज पर चौड़ी हुई डेमोक्रेटिक पार्टी में खाई

Gulabi
28 Sep 2021 12:22 PM GMT
इन्फ्रास्ट्रक्चर पैकेज पर चौड़ी हुई डेमोक्रेटिक पार्टी में खाई
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डेमोक्रेटिक पार्टी में गहराते मतभेद के कारण हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में सोमवार को राष्ट्रपति जो बाइडन के इन्फ्रास्ट्रक्चर पैकेज पर मतदान टालना पड़ा

डेमोक्रेटिक पार्टी में गहराते मतभेद के कारण हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में सोमवार को राष्ट्रपति जो बाइडन के इन्फ्रास्ट्रक्चर पैकेज पर मतदान टालना पड़ा। वेबसाइट द इंटरसेप्ट के मुताबिक डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रोग्रेसिव खेमे के आक्रामक रुख अपना लेने के कारण स्पीकर नैंसी पेलोसी उस हार्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर बिल को पेश नहीं कर पाईं, जिस पर दोनों पार्टियों में सहमति है। इस बिल को सीनेट में पास किया जा चुका है।

प्रोग्रेसिव खेमे का कहना है कि वह 550 अरब डॉलर के इस पैकेज का तभी समर्थन करेगा, जब बाकी सदस्य 3.5 ट्रिलियन डॉलर के सॉफ्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर पैकेज का समर्थन करें। डेमोक्रेटिक पार्टी के मध्यमार्गी सदस्यों ने कोशिश की थी कि इन दोनों विधेयकों को एक दूसरे अलग कर पहले द्विपक्षीय सहमति वाले बिल को पास कर लिया जाए। पेलोसी ने उनसे इस बिल को लाने का वादा किया था, लेकिन प्रोग्रेसिव खेमे के दबाव में उन्हें अपना इरादा बदलना पड़ा।
वेबसाइट एक्सियोस.कॉम के मुताबिक अब प्रोग्रेसिव खेमे ने ये साफ कहा है कि जब तक सीनेट 3.5 ट्रिलियन डॉलर के बिल को पारित नहीं करता, वे द्विपक्षीय सहमति वाला पैकेज पास नहीं होने देंगे। इस खबर के मुताबिक सोमवार को डेमोक्रेटिक नेताओं ने फोन पर राष्ट्रपति बाइडन से बात की। इस मुद्दे पर बाइडन ने पिछले हफ्ते कहा था कि हाउस और सीनेट में गतिरोध की स्थिति पैदा हो गई है। वेबसाइट एक्सियोस के मुताबिक इस मुद्दे पर हाउस के डेमोक्रेटिक खेमों के बीच कड़वाहट बढ़ रही है। मध्यमार्गी सदस्य स्टीव कोहेन ने कहा है कि प्रोग्रेसिव सदस्य सीनेट की स्थिति से परिचित नहीं हैँ। वहां 3.5 ट्रिलियन का बिल पारित करा सकने की स्थिति में डेमोक्रेटिक पार्टी नहीं है।
वेबसाइट पॉलिटिको.कॉम ने अपने एक विश्लेषण में कहा है कि आव्रजन, मताधिकार, पुलिस सुधार, बंदूक कानून सुधार आदि जैसे मुद्दों पर अमेरिका के उदारवादी गुटों की उम्मीदें तेजी से टूट रही हैं। सॉफ्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर पैकेज पर पार्टी के अंदर ही खाई पैदा हो गई है। इससे पिछले साल नवंबर के चुनाव के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी की जीत के साथ जिन मसलों पर सुधार की आशा जगी थी, वह अब टूटती जा रही है। बाइडन प्रशासन एक भी मसले पर ऐसा कानून पारित नहीं कर पाया है, जिससे वह अपने बुनियादी एजेंडे को लागू कर पाए।
पिछले नवंबर में लंबे समय बाद ऐसा हुआ, जब व्हाइट हाउस में डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति निर्वाचित होन के साथ ही सीनेट और हाउस में इस पार्टी को बहुमत मिला। इससे ये संभावना बनी थी कि सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर बाइडन प्रशासन उन वादों को पूरा कर सकेगा, जिनका संबंध डेमोक्रेटिक पार्टी के एजेंडे से है। लेकिन पर्यवेक्षकों की राय है कि बाइडन के मध्यमार्गी रुझान के कारण बात आगे नहीं बढ़ सकी है। बाइडन पार्टी के अंदर उदारवादी खेमे से टकराव मोल लेने से बचते रहे हैं।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता एंड्र्यू बेट्स ने कहा है कि राष्ट्रपति बाइडन अमेरिकी इतिहास में सबसे ज्यादा वोट हासिल करके निर्वाचित हुए हैं। इसलिए वे और उनकी टीम दिन-रात अपने एजेंडे के पक्ष में काम कर रही है। बेट्स ने कहा- 'धनी तबकों के हितों की रक्षा के लिए लॉबिंग करने वाले समूहों और रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से जो रुकावट डाली जा रही है, उसके आगे राष्ट्रपति अडिग हैं। लेकिन उन्होंने हमेशा ही कहा है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के कार्यक्रमों को लागू करना आसान नहीं होगा।'

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