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नई तालिबान सरकार के भावी मंत्री, पाकिस्तान के हक्कानिया मदरसे में जिहाद की ले रहे तालीम

Renuka Sahu
26 Nov 2021 6:13 AM GMT
नई तालिबान सरकार के भावी मंत्री, पाकिस्तान के हक्कानिया मदरसे में जिहाद की ले रहे तालीम
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फाइल फोटो 

अफगनिस्तान की नई तालिबान सरकार के भावी मंत्री बॉर्डर से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित हक्कानी नेटवर्क के मदरसे से इन दिनों सियासी तालीम ले रहे हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगनिस्तान (Afghanistan Crisis) की नई तालिबान सरकार (Taliban Government) के भावी मंत्री बॉर्डर से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित हक्कानी नेटवर्क (Haqqani Network) के मदरसे से इन दिनों सियासी तालीम ले रहे हैं. दुनिया की सबसे बड़ी हक्कानिया यूनिवर्सिटी(Haqqania University) के रूप में चर्चित इस मदरसे में अभी 4 हजार छात्र हैं. पाकिस्तान के सबसे पुराने और सबसे बड़े इस मदरसे से तालीम लेकर निकले कुछ 'छात्र' वर्तमान अफगान सरकार में मत्री हैं. इन्हें हक्कानी नेटवर्क के नुमाइंदे कहा जाता है.

हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तान के अन्य 3 हजार मदरसों को अपने कंट्रोल में लाने की कोशिशों में है. इस मदरसे में फिलहाल 1500 छात्र अपने अंतिम वर्ष की पढ़ाई पूरी कर रहे हैं. पाकिस्तान की इमरान खान सरकार इस हक्कानी मदरसे को वित्तीय मदद भी देती है. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस मदरसे से पाक के आतंकी संगठन टीटीपी को भी मदद प्रदान की जाती है.
बीबीसी उर्दू के मुताबिक, तालिबान सरकार के पांच नेताओं ने हक्कानिया मदरसे से तालीम पाई है.
-मुल्ला अब्दुल लतीफ मंसूर (जल और ऊर्जा मंत्री)
-मौलाना अब्दुल बाकी (उच्च शिक्षा मंत्री)
-नजीबुल्लाह हक्कानी (सूचना प्रसारण मंत्री)
-मौलाना नूर मोहम्मद साकिब (हज मंत्री)
-अब्दुल हकीम सहराई (न्याय मंत्री)
तालिबान के प्रवक्ता भी इसी मदरसे से पढ़े
बीबीसी उर्दू ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इन पांच नेताओं के अलावा अफगान तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम भी दारूल उलूम हक्कानिया से पढ़े हैं. साथ ही मोहम्मद नईम ने इंटरनेशनल इस्लामिक यूनिवर्सिटी इस्लामाबाद से पीएचडी की है. अफगान तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन भी इंटरनेशनल इस्लामिक यूनिवर्सिटी इस्लामाबाद में पढ़े हैं. हालांकि मोहम्मद नईम और सुहैल शाहीन को कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया है.
वीसी का दावा- पहले जैसे नहीं, बदल गए
वहीं, मदरसे के वाइस चांसलर रशीद उल सामी का दावा है कि अब दो दशक पहले जैसी कट्‌टरपंथी पढ़ाई यहां नहीं होती है. लेकिन महिला शिक्षा पर चुप्पी साधते हुए गिनाते हैं कि अब हमारे यहां कंप्यूटर लैब है. मदरसे में वॉलीबॉल और क्रिकेट-वॉलीबॉल ग्राउंड हैं.
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