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अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव ने हस्ताक्षर किए थे।
रूस और अमेरिका के बीच परमाणु हथियारों के नियंत्रण को लेकर पहले दौर की बातचीत 28 जुलाई को जिनेवा में होगी। इसकी जानकारी Kommersant अखबार की एक रिपोर्ट में दी गई है। आपको बता दें कि जिनेवा में ही पिछले माह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस मुद्दे पर द्विपक्षीय वार्ता के लिए राजी हुए थे। आगामी वार्ता का मकसद भविष्य में हथियारों पर नियंत्रण के लिए और उनकी सीमित संख्या के लिए ग्राउंडवर्क करना है, जिससे इनमें चरणबद्ध तरीके से कमी लाई जा सके। आपको बता दें कि वर्तमान में अमेरिका के पास सबसे अधिक परमाणु हथियार मौजूद हैं।
यहां पर आपको ये बताना भी जरूरी है कि पिछले कई महीनों से अमेरिका और रूस के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर कड़वाहट और तीखी बयानबाजी हो रही थी। लेकिन पिछले माह दोनों के बीच जिनेवा में हुई बातचीत में संबंधों को दोबारा सुधारने और मजबूत करने पर जोर दिया गया। इस बैठक के बाद दोनों के बीच रिश्तों पर जमीं बर्फ हटने की उम्मीद भी बढ़ गई थी।
दोनों ही नेताओं की तरफ से इस बैठक को काफी सफल बताया गया था। इसी बैठक में परमाणु हथियारों के नियंत्रण को लेकर आने वाले समय में दोनों देशों के विशेषज्ञों की बैठक करने पर भी विचार किया गया था। 28 जुलाई को होने वाली बैठक इसका ही परिणाम है।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि पिछले दिनों स्विटजरलैंड में हुई दोनों नेताओं की मुलाकात में न्यू स्टार्ट डील पर भी बात हुई थी। दोनों देशो के बीच ये समझौता 8 अप्रैल 2010 में हुआ था। उस वक्त इस समझौते पर जो बाइडन ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति के तौर पर और पुतिन ने रूस के प्रधानमंत्री के तौर पर इन दोनों देशों के बीच उस वक्त हुई थी जब बाइडन अमेरिका के उपराष्ट्रपति थे और पुतिन रूस के प्रधानमंत्री थे। ये डील पेराग्वे में हुई थी और इस पर तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव ने हस्ताक्षर किए थे।
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