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पाकिस्तानी सेना में आज चीन में बने वीटी-4 युद्धक टैंक के पहले बैच को किया शामिल, जानिए कितना है ताकतवर

Neha Dani
1 July 2021 10:22 AM GMT
पाकिस्तानी सेना में आज चीन में बने वीटी-4 युद्धक टैंक के पहले बैच को किया शामिल, जानिए कितना है ताकतवर
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यह टैंक एंटी एयरक्राफ्ट गन से भी लैस है जो दुश्मनों के हेलिकॉप्टर को मार गिरा सकती है।

पाकिस्तानी सेना में आज चीन में बने हुए वीटी-4 युद्धक टैंक के पहले बैच को शामिल किया गया है। पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने बताया कि मंगला कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल शाहीन मजहर महमूद ने आर्मर्ड डिवीजन का दौरा कर वीटी-4 टैंकों के पहले बैच का निरीक्षण किया। मेजर जनरल राशिद महमूद ने कोर कमांडर को टैंकों के पहले बैच के शिपमेंट के बारे में जानकारी दी। इस दौरान चीन के

वीटी-4 खरीदने वाला तीसरा देश बना पाकिस्तान
इस टैंक का निर्माण चीन की सरकारी बख्तरबंद वाहन निर्माता कंपनी नोरिन्को ने किया है। वीटी-4 टैंकों की डिलिवरी इस साल अप्रैल से शुरू की गई थी, हालांकि अभी तक इसके कितने यूनिट सौंपे गए हैं, इसको लेकर कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। थाईलैंड और नाइजीरिया के बाद पाकिस्तान तीसरा देश है जिसने चीन से ये टैंक खरीदे हैं। पिछले साल सितंबर में पाकिस्तानी सेना ने बख्तरबंद कोर में शामिल होने के बाद टिल्ला फील्ड फायरिंग रेंज में इस टैंक का टेस्ट किया था।
कितना ताकतवर है चीन का वीटी-4 टैंक
चीन के वीटी-4 मेन बैटल टैंक को एमबीटी-3000 के नाम से भी जाना जाता है। यह चीन के तीसरी पीढ़ी का मुख्य युद्धक टैंक है। चीन ने इस टैंक को दूसरे देशों को बेचने के लिए खासतौर पर बनाया है। 52 टन वजनी यह टैंक 10.10 मीटर लंबा और 3.4 मीटर चौड़ा है। इस टैंक को तीन क्रू मेंबर मिलकर चला सकते हैं। जिसमें एक ड्राइवर, दूसरा कमांडर और तीसरा गनर होता है। इसका मुख्य हथियार 125 एमएम की गन है। इसमें टर्बोचार्ज इंजन लगा हुआ है जो टैंक को 1300 हॉर्सपावर की ताकत प्रदान करता है।
भारत का टी-90 भीष्म कितना शक्तिशाली
भारत के टी-19 भीष्म के आगे पाकिस्तान का वीटी-4 मुख्य युद्धक टैंक कहीं नहीं ठहरता है। यह टैंक मूल रूप से रूस में बना है। इसके नाम में टी टैंक को बताता है, जबकि 90 का मतलब यह 1990 के दशक में आधिकारिक रूप से बनकर तैयार हुआ था। इसकी गिनती दुनिया के सबसे शक्तिशाली टैंकों में की जाती है। इसमें भी तीन क्रू मेंबर होते हैं जिनमें ड्राइवर, कमांडर और गनर शामिल होता है। T-90 टैंक में Kaktus K-6 एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर लगा हुआ है, जो इसे दुश्मन के हमले से बचाता है।
टी-90 से दुश्मनों का बचना नामुमकिन
टी-90 टैंक में अचूक 125 एमएम की मेन गन है। यह 6 किलोमीटर दूर तक सटीक गोलीबारी कर सकता है। इतना ही नहीं, टी-90 टैंक कई तरह की मिसाइलों को भी फायर करने में सक्षम है। इसका वजन 48 टन है। यह दुनिया के हल्के टैंकों में एक है। यह दिन और रात में दुश्मन से लड़ने की क्षमता रखता है। इसमें 1000 हॉर्स पावर का शक्तिशाली इंजन लगा हुआ है। यह एक बार में 550 किमी की दूरी तय कर सकता है। यह टैंक एंटी एयरक्राफ्ट गन से भी लैस है जो दुश्मनों के हेलिकॉप्टर को मार गिरा सकती है।


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