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उनके टीकाकरण कर पर हमें ध्यान देना होगा और जांच भी बढ़ानी होगी।
अमेरिका ने कोरोना महामारी के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को दी जाने वाली आर्थिक मदद में 25 प्रतिशत की कटौती कर दी। अमेरिका भविष्य में भी डब्ल्यूएचओ की दी जाने वाली सहायता की समीक्षा कर रहा है। प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक पिछले दो साल के दौरान अमेरिकी मदद में कमी आई है। कोरोना महामारी को लेकर WHO की आलोचना करने वाले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ही संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी को दी जाने वाली मदद में कटौती करने का फैसला किया था।
अमेरिका से डब्ल्यूएचओ को करीब 20 करोड़ डालर (लगभग 1,500 करोड़ रुपये) कम सहायता मिली है। अमेरिका ने पिछले दो साल में डब्ल्यूएचओ को 67.2 करोड़ डालर (लगभग पांच हजार करोड़ रुपये) की मदद दी, जबकि 2018-19 में 89.3 करोड़ डालर (लगभग 6,700 करोड़ रुपये)की मदद दी थी।
ट्रेडोस दूसरे कार्यकाल के लिए नामित
WHO के कार्यकारी बोर्ड ने संगठन के महानिदेशक ट्रेडोस अढानम घेब्रेयेसस को दूसरे कार्यकाल के लिए नामित कर दिया है। अंतिम फैसला मई में 75वें विश्व स्वास्थ्य सभा में होगा। गौरतलब है कि इथियोपियाई नागरिक गेब्रेयेसस को तिगरे क्षेत्र के बारे में की गई टिप्पणियों के लिए अपने ही देश से आलोचना का सामना करना पड़ा था।
टेड्रोस को उम्मीद, सामूहिक प्रयास से खत्म हो सकती है महामारी
डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड की बैठक के उद्घाटन के मौके पर ट्रेडोस ने कहा कि हमें कोरोना महामारी के पूरी तरह से खत्म होने का इंतजार नहीं करना चाहिए। इससे सबक लेते हुए भविष्य में इस तरह के आपातकालीन हालात को रोकने के लिए उपाय तलाशने चाहिए। उन्होंने कहा कि हम इसी साल कोरोना के चलते पैदा हुई आपात हालात को खत्म कर सकते हैं। इसके लिए हमें डब्ल्यूएचओ की तरफ से पूरे विश्व की 70 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करना होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से जिन्हें ज्यादा खतरा है उनके टीकाकरण कर पर हमें ध्यान देना होगा और जांच भी बढ़ानी होगी।
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