![अमेरिका और ईरान के बीच 36 का आंकड़ा अमेरिका और ईरान के बीच 36 का आंकड़ा](https://jantaserishta.com/h-upload/2023/07/03/3110895-untitled-design-96-1688353982.webp)
दिल्ली : अमेरिका ने ईरान को सबक सिखाने के लिए इजरायल को मजबूती देना प्रारम्भ कर दिया है. लंबे अर्से से अमेरिका और ईरान के बीच 36 का आंकड़ा है. ईरान रूस का दोस्त है, जबकि इजरायल अमेरिका का. ऐसे में अमेरिका इजरायल को एफ-35 लड़ाकू विमानों से लैस करके ईरान की टेंशन बढ़ाना चाहता है. इजराइल आने वाले दिनों में अमेरिका से 25 एफ-35 लड़ाकू विमान खरीदेगा, जिससे उसके ‘स्टील्थ’ लड़ाकू विमानों के शस्त्रागार में 50 फीसदी तक की वृद्धि होगी.
इजरायल के रक्षा मंत्रालय ने रविवार को घोषणा की कि एफ-35 दुनिया का सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान है और पश्चिम एशिया में इजराइल ही ऐसा राष्ट्र है जिसके पास ये लड़ाकू विमान हैं. तीन अरब $ के इस सौदे को आनें वाले महीनों में आखिरी रूप दिया जाएगा. इसके साथ ही इजराइल के एफ-35 विमानों का बेड़ा 50 से बढ़कर 75 हो जाएगा. मंत्रालय के अनुसार, इस सौदे को इजराइल को अमेरिकी सेना सहायता के जरिए वित्त पोषित किया जाएगा और विमान के निर्माता लॉकहीड मार्टिन तथा उसके इंजन के निर्माता प्रैट एंड व्हिटनी ने उत्पादन प्रक्रिया में इजराइली कंपनियों को शामिल करने की प्रतिबद्धता जतायी है.
इजरायल लगातार बढ़ा रहा अपना जखीरा
इजरायल के मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘नया समझौता विमान के पुर्जों के उत्पादन में अमेरिकी कंपनियों और इजराइली रक्षा उद्योगों के बीच योगदान की निरंतरता सुनिश्चित करेगा.’’ इजराइल ने अपने शस्त्रागार में वृद्धि करने की यह घोषणा ऐसे समय में की है जब इजराइल और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया है. ईरान को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानने वाले इजराइल ने ईरानी ड्रोनों को गिराने में भी पहले एफ-35 विमानों का उपयोग किया था और उसने ईरान के परमाणु ठिकानों पर लंबी दूरी के हमले करने की धमकी भी दी है. वह ईरान पर परमाणु हथियार विकसित करने का आरोप लगाता है. हालांकि, ईरान इन आरोपों को खारिज करता है. (भाषा)