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कई हाइपरलूप प्रोजेक्ट पहले से ही सर रिचर्ड ब्रैनसन की कंपनी वर्जिन हाइपरलूप कर रही है।
स्विट्जरलैंड के एक स्टार्टअप ने एक हाइपरलूप सिस्टम की अपनी योजना का खुलासा किया है जो यात्रियों को आल्प्स के नीचे 745 मील प्रति घंटे तक की गति से सफर कराएगी। मंथी स्थित फर्म स्विसपॉड एक हाइपरलूप सिस्टम का वादा कर रही है जो यात्रियों और कार्गो को जिनेवा से ज्यूरिख तक सिर्फ 17 मिनट में या न्यूयॉर्क शहर से वाशिंगटन डीसी तक सिर्फ 30 मिनट में पहुंचाने में सक्षम होगी।
नौ महीनों के भीतर होगी टेस्टिंग
इसकी रफ्तार करीब 1200 किमी प्रतिघंटा तक होगी यानी मुंबई से दिल्ली का सफर लगभग एक घंटे में पूरा हो किया जा सकेगा। यह स्विट्जरलैंड में चलने वाली ट्रेनों की यात्राओं की अवधि का नौवां हिस्सा और अमेरिकी ट्रेनों की अवधि का सातवां हिस्सा है। फर्म के सीईओ और सह-संस्थापक डेनिस ट्यूडर के अनुसार स्विसपॉड चार से पांच सालों में अपने हाइपरलूप को बाजार में उतार सकता है। फर्म मिनी टेस्ट साइट पर नौ महीने के भीतर अपनी टेक्नोलॉजी को टेस्ट करेगी।
1200 किमी/घंटा रफ्तार का दावा
ट्यूडर ने पहले कहा था कि उनकी कंपनी की प्रणाली 620-745 मील प्रतिघंटे (1000-1200 किमी प्रतिघंटे) की रफ्तार से यात्रा करने में सक्षम है। फर्म ने फिलहाल अपने प्रोजेक्ट के लिए लागत का खुलासा नहीं किया है। हाइपरलूप यात्रा का एक प्रस्तावित तरीका है जिस पर कई कंपनियां काम कर रही हैं। इस तकनीक के माध्यम से यात्रियों को एक से दूसरी जगह टॉप स्पीड में पहुंचाया जा सकता है। पहली बार 1910 में अमेरिकी इंजीनियर रॉबर्ट गोडार्ड ने इसका कॉन्सेप्ट का प्रस्ताव रखा था।
2019 में हुई थी स्विस कंपनी की स्थापना
2013 में अरबपति बिजनेसमैन और स्पेसएक्स के संस्थापक Elon Musk ने नए सिरे से इसमें रूचि ली। हालांकि स्पिसपॉड प्रोजेक्ट अपने आप में अलग है। स्विसपॉड की स्थापना 2019 में मस्क की फर्म स्पेसएक्स की ओर से आयोजित कराए जाने वाले कई हाइपरलूप प्रतियोगिताओं को जीत चुके ट्यूडर और सिरिल डेनेरेज ने की थी। कई हाइपरलूप प्रोजेक्ट पहले से ही सर रिचर्ड ब्रैनसन की कंपनी वर्जिन हाइपरलूप कर रही है।
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