विश्व

24 जून को होने वाली ब्रिक्स समिट में पुतिन पर रहेगी पूरी दुनिया की नजर, मोदी क्या चीन पर करेंगे पलटवार?

Renuka Sahu
28 May 2022 4:21 AM GMT
The eyes of the whole world will be on Putin in the BRICS summit to be held on June 24, will Modi retaliate against China?
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फाइल फोटो 

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच 24 जून को चीन की राजधानी बीजिंग में साल 2022 का ब्रिक्स शिखर सम्मेलन होने जा रहा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच 24 जून को चीन की राजधानी बीजिंग में साल 2022 का ब्रिक्स शिखर सम्मेलन होने जा रहा है। इस बैठक में तीन महाशक्ति भारत, रूस और चीन एक साथ दिखेंगे। हालांकि, यह बैठक वर्चुअल होने जा रही है लेकिन इस दौरान सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। इस बैठक में सबकी नजर जिस नेता पर टिकी रहेंगी वह होंगे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, क्योंकि यूक्रेन संकट के बीच पुतिन पहली बार किसी बड़ी बैठक में भाग लेने जा रहे हैं। पुतिन के बयान पर पूरी दुनिया की नजर होगी। बता दें कि इससे पहले चीनी राष्ट्रपति चीनी शी जिनपिंग ने 19 मई को ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की एक बैठक को संबोधित किया था और एक-दूसरे के मूल हितों और प्रमुख चिंताओं को समायोजित करने, एक-दूसरे की संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों का सम्मान करने और वर्चस्ववाद एवं सत्ता की राजनीति का विरोध करने का आह्वान किया था।

बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा की संभावना कम
इस बैठक में चीन अपनी नई वैश्विक सुरक्षा पहल के लिए समर्थन प्राप्त करने की कोशिश करेगा। हालांकि, इस बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा होने की संभावना कम है, क्योंकि इससे पहले भी भारत और चीन ने रूस के खिलाफ खुलकर बोलने से परहेज किया था। ब्रिक्स बैठक में सभी सदस्य देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक सहयोग, ब्रिक्स व्यापार परिषद, नवाचार सहयोग, सीमा शुल्क सहयोग, आकस्मिक रिजर्व समझौते और न्यू डेवलपमेंट बैंक के बीच रणनीतिक सहयोग पर चर्चा की जाएंगी।
चीन पर पलटवार कर सकते हैं मोदी
ब्रिक्स की बैठक में पीएम मोदी चीन पर पलटवार कर सकते हैं। पूर्वी लद्दाख मुद्दे और सीमा गतिरोध के मसले पर प्रधानमंत्री मोदी चीन पर पलटवार कर सकते हैं। वही इसके अलावा पीएम मोदी चीन द्वारा किए जा रहे अवैध निर्माण पर भी बोल सकते हैं।
विदेश मंत्रियों की बैठक में जयशंकर ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया था
इससे पहले विदेश मंत्रियों की बैठक में डॉ. एस. जयशंकर ने कहा था कि यूक्रेन युद्ध से ऊर्जा की मांग और खाद्य पदार्थों के दाम बढ़े हैं, दुनिया की बेहतरी के लिए इस पर काबू पाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स ने बार-बार संप्रभु समानता, क्षेत्रीय अखंडता, अंतर्राष्ट्रीय कानून के प्रति सम्मान की पुष्टि की है। ब्रिक्स को आतंकवाद, विशेष रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए जीरो टॉलरेंस दिखाना चाहिए।
उन्होंने कहा, हमें मिलकर जलवायु कार्रवाई और जलवायु न्याय के लिए विकसित देशों द्वारा संसाधनों की विश्वसनीय प्रतिबद्धता के लिए दबाव बनाना चाहिए। एक वैश्वीकृत और डिजिटल दुनिया विश्वास और पारदर्शिता को उचित सम्मान देगी। सतत विकास लक्ष्यों को व्यापक तरीके से हासिल किया जाना चाहिए। पिछले हफ्ते ब्रिक्स स्वास्थ्य मंत्रियों की एक बैठक भी हुई थी जिसमें ब्रिक्स देशों पर बड़े पैमाने पर महामारी के लिए एक शुरुआती चेतावनी प्रणाली शुरू करने पर सहमति हुई थी।
क्या है ब्रिक्स
ब्रिक्स दुनिया की अग्रणी उभरती अर्थव्यवस्थाओं- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह के लिए एक संक्षिप्त शब्द है। ब्रिक्स शिखर सम्मलेन की अध्यक्षता प्रतिवर्ष क्रमानुसार सदस्य देशों के सर्वोच्च नेता द्वारा की जाती है। इस बार मेजबानी की जिम्मेदारी चीन को मिली है।
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