कोरोना के ओमिक्रोन (Omicron) वैरिएंट के चलते महामारी की नई लहर के चरम पर पहुंचने से पहले ही यूरोप की स्वास्थ्य व्यवस्था कराहने लगी है। ब्रिटेन राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए निजी अस्पतालों के साथ समझौता कर रहा है। स्वास्थ्यकर्मियों (Healthworkers) में संक्रमण दर बढ़ गई है।
कम है अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत
यह हाल तब है जबकि शुरुआती अध्ययनों में यह स्पष्ट हो गया है कि ओमिक्रोन वैरिएंट कोरोना वायरस के डेल्टा व अन्य वैरिएंट की तुलना में कम गंभीर है और इससे संक्रमित होने पर अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम पड़ रही है। इसके बावजूद स्पेन, ब्रिटेन, इटली और कई अन्य यूरोपीय देशों में बढ़ते संक्रमितों के चलते स्वास्थ्य व्यवस्था भारी दबाव में आ गई है।
निजी अस्पतालों के साथ हो रही डील
ब्रिटेन कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए निजी अस्पतालों के साथ समझौता कर रहा है। सेना के मेडिकल कोर के सदस्यों को पहले ही उतार दिया गया है। एनएचएस के चिकित्सा निदेशक प्रोफेसर स्टीफन पोविस कहते हैं कि ओमिक्रोन से मरीज बढ़ रहे हैं और उनका इलाज करने वाले स्टाफ कम हैं। यूरोप के देशों में स्वास्थ्यकर्मियों खासकर नर्से और फिजियोथेरेपिस्ट सबसे ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं। अमेरिका में गैर जरूरी सर्जरी टाल दी गई हैं, ताकि कोरोना के मरीजों का इलाज करने के लिए ज्यादा स्टाफ उपलब्ध हो सकें।
चीन के शियान शहर में एक महीने के भीतर संक्रमितों का आंकड़ा दो हजार को पार कर गया है। चीन के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि ये सभी मामले स्थानीय स्तर पर संक्रमण के हैं। अमेरिका की जान्स हापकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार अभी वैश्विक संक्रमण के कुल 306,911,004 मामले हैं और अब तक 5,488,373 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। वहीं कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अब तक कुल 9,410,829,625 डोज दिए जा चुके हैं। कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक सबसे बुरा हाल अमेरिका का रहा है। यहां अब तक कुल 60,072,321 मामले आ चुके हैं और 837,594 संक्रमितों की मौत हो चुकी है।